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दिल्ली कृषि उपज विपणन (विनियमन) सामान्य नियम, 2000

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विकास विभाग

(कृषि विपणन निदेशालय)

 

अधिसूचना

 

दिल्ली : 10 नवंबर, 2000

स०एफ० 8/12/2000/डीएएम/एमआर(1)/4380-4403            दिल्ली कृषि उपज विपणन (विनियमन) अधिनियम, 1998 (1999 का दिल्ली अधिनियम स०-7) की धारा 79 के साथ पठित धारा 116 द्वारा प्रदत्त शक्तियों और ऐसा करने में सक्षम बनाने वाली अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार एदत द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में कृषि उपज विपणन को नियमित करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात:-

दिल्ली कृषि उपज विपणन (विनियमन) सामान्य नियम, 2000

 

1.    संक्षिप्त नाम एवं प्रारंभ:-

(1) यह नियम दिल्ली कृषि उपज विपणन (विनियमन) सामान्य नियमावली, 2000 कहीं जायेंगी|

(2) यह सरकारी गजट में प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे|

2.    परिभाषाएं:-

(1) जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो तब तक –

(क) अधिनियम से अभिप्राय, दिल्ली कृषि उपज विपणन (विनियमन) अधिनियम, 1998 (1999 का दिल्ली अधिनियम सं०-7) है|

(ख) खरीददार से अभिप्राय उस व्यक्ति, फर्म, कंपनी या सहकारी समिति अथवा सहकारी निकाय या सार्वजनिक उपक्रम या सार्वजनिक निकाय से है, जो अपने तथा अपने व्यवसाय के लिए या किसी व्यक्ति अथवा एजेंट के लिए बाजार क्षेत्र में अधिसूचित कृषि-उपज की खरीद करता है अथवा खरीद के लिए सहमत होता है|

(ग) सहकारी समिति से अभिप्राय कोई पंजीकृत सहकारी समिति या दिल्ली सहकारी समितियां अधिनियम, 1972 (1972 का 35) के अंतर्गत इस प्रकार पंजीकृत समझी जाए या उस समय लागू किसी अन्य कानून के अनुसार कृषि उपज विपणन का व्यापार करती है या इसके लिए लाइसेंस रखती हो|

(घ) विकास आयुक्त से अभिप्राय और इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कृषि विपणन विभाग के सचिव शामिल हैं|

(ङ) निदेशक से अभिप्राय सरकार द्वारा अधिसूचना द्वारा नियुक्त दिल्ली कृषि विपणन के निदेशक से है|

(च) निर्यात से अभिप्राय कृषि उपज का भारत से बाहर निर्यात है|

(छ) वित्तीय वर्ष से अभिप्राय 1 अप्रैल से शुरू तथा 31 मार्च को समाप्त वर्ष से है, इसके बाद अगला वर्ष शुरू होगा|

(ज) फार्म से अभिप्राय इन नियमों के संलग्न फार्म से है|

(झ) अनुषगिक सेवा शुल्क से अभिप्राय विक्रेता द्वारा देय शुल्क से है|

(ञ) लाइसेंस धारक से अभिप्राय उस व्यक्ति से है जिसके पास इन नियमों के अंतर्गत या नए नियमों द्वारा इन्हें रद्द करने के बाद उस (नए नियम) के अंतर्गत जारी लाइसेंस से है|

(ट) बाजार से अभिप्राय इस अधिनियम के अंतर्गत एक बाजार क्षेत्र के लिए स्थापित नियमित बाजार से है और इसमें धारा 26 के अंतर्गत स्थापित राष्ट्रीय महत्व का बाजार और धारा 23 के अंतर्गत स्थापित मुख्य बाजार और सहायक बाजार भी शामिल हैं|

(ठ) बाजार सेवा शुल्क से अभिप्राय क्रेता द्वारा देय शुल्क से है|

(ड) बाजार कार्यकर्ता से अभिप्राय व्यापारी, दलाल, कमीशन एजेंट, खरीददार, पल्लेदार, संसाधक, संग्रहकर्ता, शीतभंडारण, परिचालक, व्यापारी, तौलकर्ता और उपविधियों के अंतर्गत अधिसूचना द्वारा बाजार में कार्यकर्ता के रूप में घोषित ऐसे अन्य व्यक्ति से है|

(ढ) विपणन से अभिप्राय अधिसूचित कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय से है, इसमें ग्रेडिंग, पैकिंग, मानकीकरण, संसाधन, भंडारण, शीत भंडारण, गोदाम, परिवहन, निर्यात, वितरण-माध्यम और ऐसे कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय से जुड़े अन्य सभी कार्य और कृषि उत्पाद को उत्पादन केंद्र से लाने संबंधी सभी गतिविधियां शामिल हैं|

(ण) धारा से अभिप्राय इस अधिनियम की धारा और उप धारा से है|

(त) विक्रेता से अभिप्राय है वह व्यक्ति जो कोई अधिसूचित कृषि उत्पाद बेचता है या बेचने के लिए सहमत होता है तथा इसमें किसी अन्य व्यक्ति के लिए उसके एजेंट या नौकर या कमीशन-एजेंट के रूप में कृषि उत्पाद बेचने वाला व्यक्ति भी शामिल है|

(थ) वाहन से अभिप्राय है मोटर वाहन या नाव या बग्गी घोडा, पशु या वाहन से हैं।

(2) इन नियमों से प्रयुक्त कोई शब्द या अभिव्यक्ति, जिनकी व्याख्या नहीं की गई है, उनका वही अर्थ होगा जैसा कि अधिनियम में निर्दिष्ट किया गया है|

3. अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर विचार करने के लिए जांच (पूछताछ) करने की प्रक्रिया

(1) जब सरकार सरकारी गज़ट में प्रकाशित अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत अधिसूचना द्वारा किसी विनिर्दिष्ट क्षेत्र में किसी अधिसूचित कृषि उत्पाद को नियमित करने की अपनी इच्छा प्रकट करें और जनता से सुझाव/आपातियाँ आमंत्रित करें तो कोई भी इच्छुक व्यक्ति, इस अधिसूचना के प्रकाशन के बाद 45 दिन के अंदर दो प्रतियों में ये निदेशक को भेज सकता है|

(2) 45 दिनों की निर्धारित अवधि में प्राप्त ऐसे सभी सुझावों और आपत्तियों की जांच की जाएगी और जहां सरकार आवश्यक समझे, वह अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत जारी अधिसूचना के संबंध में प्राप्त किसी सुझाव या आपत्ति की जांच करने के लिए किसी अधिकारी को प्राधिकृत कर सकती है और उस अधिकारी द्वारा उचित-समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना अपेक्षित होगा|

(3) यह प्राधिकृत अधिकारी, सूचना (नोटिस) भेजकर सुझाव और आपत्ति भेजने वाले व्यक्ति को स्वयं या उसके प्रतिनिधि को नोटिस में निर्दिष्ट तिथि, स्थान और समय पर बुला सकता है|

(4) वह सरकार द्वारा प्राधिकृत अधिकारी जांच करेगा और अपने समक्ष उपस्थित होने वाले व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेज तथा मौखिक रूप से किए गए अनुरोध रिकॉर्ड में रखेगा| जांच अधिकारी अपनी रिपोर्ट सभी दस्तावेजों के साथ सरकार के विचारार्थ, सचिव, कृषि विपणन विभाग (विकास आयुक्त) को प्रस्तुत करेगा|

(5) सरकार सुझावों और आपत्तियों व इस प्राधिकृत अधिकारी की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद अधिसूचना में यथा विनिर्दिष्ट क्षेत्र में इस कृषि उत्पाद के वितरण को नियमित करने के प्रश्न पर निर्णय करेगी| प्रश्न का निर्णय होने के बाद सरकार उसे निर्णय की शर्तों के अनुसार धारा 4 की उपधारा (1) के अंतर्गत अधिसूचना जारी कर सकती है|

4. परिषद (बोर्ड) के अध्यक्ष को देय भत्ते तथा अन्य सुविधाएं

(1) यदि सरकारी अधिकारी परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है तो वह वहां वेतन प्राप्त करेगा जो कि वह ले रहा है तथा उसे स्टाफ कार, कार्यालय व निवास पर फोन तथा परिषद द्वारा आवश्यक समझी जाने वाली और अपनी ड्यूटी को ठीक तरह से पूरा करने के लिए जरूरी सुविधाएं भी प्रदान की जायेगी| उस नियुक्त-प्राधिकारी द्वारा सामान्य वित्तीय नियमों के अनुसार स्वीकृत अन्य अतिरिक्त भत्ते भी दिए जा सकते हैं|

(2) जब सेवारत अधिकारी को अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाए तो परिषद द्वारा उन्हें तीन हजार रूपये की राशि कार्यभार भत्ते के रूप में दी जाएगी तथा स्टाफ कार व कार्यालय और निवास पर फोन और परिषद् द्वारा स्वीकृत तथा अपनी ड्यूटी को ठीक प्रकार से पूरी करने के लिए अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जायेंगी|

5. परिषद - उपाध्यक्ष को देय भत्ते और सुविधाएं

परिषद के उपाध्यक्ष अपनी सेवा से संबंध ग्रेड के वेतन एवं भत्ते प्राप्त करेंगे जिससे संबंध होने के कारण उन्हें निदेशक नियुक्त किया गया है| उन्हें दो हजार पांच सौ रूपये की राशि प्रतिमाह विशेष कार्यभार भत्ते के रूप में भी दी जाएगी| परिषद द्वारा स्टाफ कार, कार्यालय में निवास पर फोन तथा परिषद द्वारा स्वीकृत अन्य सुविधाएं प्रदान की जायेगी| तथा अधिनियम के अंतर्गत उन्हें सोपी गई ड्यूटी और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जायेगी|

6. परिषद के गैर-सरकारी सदस्यों को भत्ते

(1) परिषद के गैर सरकारी सदस्यों को परिषद या इसकी समिति या उस समिति की प्रत्येक बैठक में भाग लेने के लिए पांच सौ रूपये बैठक भत्ता दिया जायेगा| इसमें वे सभी खर्च शामिल होंगे जो एक सदस्य द्वारा परिषद, उसकी समिति या उपसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए या उससे संबंध कार्य के लिए परिवहन या अन्य सहायक मदों पर खर्च किए गए हो|

(2) परिषद के गैर सरकारी सदस्य, परिषद द्वारा किसी काम से दिल्ली से बाहर भेजे जाने पर सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों के कार्यकारियों (अधिकारियों) को देय दर पर यात्रा भत्ते, दैनिक भत्ते प्राप्त करने के हकदार होंगे|

7. समिति सदस्यों को भत्ते

(1) अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और एक सदस्य को समिति और उपसमिति की प्रत्येक बैठक में भाग लेने के लिए बैठक-भत्ते के रूप में कर्मश: तीन सौ रूपये,  दो सौ पचच्तर रूपये, दो सौ पचास रूपये दी जाएगी| इसमें वे सभी खर्च शामिल होंगे जो एक सदस्य द्वारा बैठक में भाग लेने या उससे संबंध कार्य के लिए परिवहन या अन्य सहायक मदों पर खर्च करने पढ़ते हैं|

(2) समिति के सदस्यों को समिति के कार्य से दिल्ली से बाहर यात्रा करने के लिए नियुक्त किए जाने पर और राष्ट्रीय महत्व की किसी मंडी की विपणन समिति के सदस्य द्वारा दिल्ली से बाहर से आने पर सरकार के सार्वजनिक संस्थानों के कार्यकारियों (अधिकारियों) को देय दर पर यात्रा भत्ते / दैनिक भत्ते दिए जाएंगे|

स्पष्टीकरण -  इस नियम के उद्देश्य के लिए परिषद या समिति जैसी भी स्थिति हो, की बैठक में इसकी उप समिति की बैठक शामिल की जायेगी|

8. समिति का सदस्य नामित किए जाने के लिए किसान की योग्यता

अधिनियम के अंतर्गत परिभाषित किसान अधिनियम की धारा 36 की उपधारा (1) के खंड (क) अंतर्गत सरकार द्वारा विपणन समिति का सदस्य नामित किए जाने योग्य होगा, यदि:-

(1) वह दिल्ली की स्थानीय सीमा में रहता हो,

(2) वह 25 वर्ष से अधिक उम्र का हो,

(3) वह किसी दुराचरण के लिए पहले कभी किसी समिति की सदस्यता से न हटाया गया हो,

(4) वह मानसिक रूप से स्वस्थ हो,

(5) वह दिवालिया न हो और न्यायालय द्वारा नैतिक चरित्रहीनता से संबंध किसी आपराधिक मामले में दोषी न ठहराया गया हो|

अध्याय- II

बजट और खाते

9. परिषद का बजट

(1) परिषद प्रतिवर्ष जनवरी के पहले सप्ताह में चालू वर्ष के संशोधित खर्च अनुमानों और अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमानों को पारित करने के लिए बैठक करेगी|

(2) संशोधित खर्च अनुमान और बजट अनुमान परिषद द्वारा पारित किए जाने पर स्वीकृति के लिए जिस वर्ष का बजट है उससे पूर्व 31 जनवरी तक सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा| यदि सरकार को प्रस्तुत बजट, संशोधन सहित या संशोधन रहित 31 मार्च तक वापिस नहीं मिलता है तो यह मान लिया जायेगा कि सरकार ने परिषद द्वारा प्रस्तुत बजट (यथा रूप) पारित कर दिया है|

(3) परिषद द्वारा तब तक कोई खर्च नहीं किया जायेगा जब तक कि बजट में उसके लिए विशेष रूप से व्यवस्था न हो तथा वह सरकार द्वारा पूर्णरूपेण स्वीकृत हो|

(4) परिषद् सरकार की स्वीकृति के बिना एक खाते शीर्ष से राशि दूसरे खाते में पुर्न विनियोजन कर सकती है परंतु यह केवल सरकार द्वारा स्वीकृत कुल बजट-आवंटन की सीमा में ही किया जा सकता है|

(5) परिषद आवश्यक होने पर अनुपूरक बजट तैयार कर सकती है और यदि कोई ऐसा खर्च करती है जिसका मूल बजट में प्रावधान नहीं है तो वह सरकार की पूर्व स्वीकृति (उस खर्च के लिए) प्राप्त करेगी|

10. समिति का बजट

बजट अनुमान तैयार करने, प्रस्तुत करने, अनुपूरक बजट इसकी स्वीकृति और समिति द्वारा खर्च किए जाने के संबंध में उपयुक्त नियम 9 के प्रावधान आवश्यक परिवर्तन सहित लागू होंगे इसमें समय सीमा, बजट तैयार करने, उसे अंतिम रूप देने तथा समिति के बजट को परिषद द्वारा स्वीकृत करने के लिए 3 महीने होगी| समिति अपना बजट अधिकतम 31 दिसंबर तक, स्वीकृति के लिए परिषद के पास भेजेगी| यदि इस प्रकार भेजे गए बजट अनुमान अगले वर्ष 31 मार्च तक संशोध सहित या संशोधन रहित रूप में परिषद से वापस प्राप्त न हो तो यह माना जायेगा कि परिषद ने इन्हें समिति द्वारा भेजे गए रूप में ही (बिना संशोधन के) पास कर दिया है| एक ऐसे शीर्ष से दूसरे इसमें पुन नियोजन परिषद के उपाध्यक्ष की पूर्व स्वीकृति से ही किया जा सकेगा|

11. परिषद और विपणन समितियों के खाते

(1) परिषद द्वारा प्राप्त सभी धन राशि, बाजार विकास निधि में जमा की जायेगी जिसकी स्थापना अधिनियम की धारा 84 के अंतर्गत की गई है|

(2) विपणन समिति द्वारा प्राप्त सभी शुल्क और धन राशि, दंड स्वरूप वसूली गई राशि (आपराधिक मामले में दंड स्वरूप वसूली से भिन्न), समिति द्वारा उठाए गए सभी ऋण और सरकार द्वारा समिति को दिए गए सभी अनुदान, ऋण या अंशदान, अधिनियम की धारा 88 के अंतर्गत गठित बाजार निधि का हिस्सा होंगे|

(3) न्यायालय द्वारा अपराधी से प्राप्त सभी जुर्माने यथा स्थिति बाजार विकास निधि या बाजार निधि में जमा किए जाएंगे|

(4) विपणन समिति को मध्यस्थता शुल्क और मध्यस्थता प्रक्रिया की लागत के लिए धरोहर राशि या किसी विवाद से संबंधित कोई राशि या धरोहर राशि, भविष्य निधि-अंशदान या किसी अधिसूचित कृषि उत्पाद के लिए भुगतान प्राप्त होता है या तौला, पल्लेदार और अन्य कार्यकर्ताओं को देय प्रभार या विपणन समिति को नियमों, उपनियमों के अंतर्गत ऐसी अन्य कोई राशि प्राप्त होती है तो वह बाजार निधि का हिस्सा नहीं होगी और वह समय-समय पर निदेशक द्वारा निर्धारित तरीके से रखी जायगी|

(5) परिषद की बाजार विकास निधि और समिति की बाजार निधि में जमा राशि निदेशक द्वारा स्वीकृत राष्ट्रीयकृत बैंक में उनके खातों में जमा कराई जायेगी|

(6) परिषद और समिति द्वारा अग्रदान के अतिरिक्त शेष सभी भुगतान चेक द्वारा किए जाएंगे|

(7) जब तक की खर्च करने के लिए बजट प्रावधान न हो, कोई बिल नहीं बनाया और पास किया जायेगा|

(8) उपाध्यक्ष द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा बिल की जांच करने और उसे पास किए बिना तथा परिषद के मामले में सचिव और लेखा अधिकारी व समितियों के मामले में समिति के अध्यक्ष और सचिव के हस्ताक्षर किए बिना कोई चेक जारी नहीं किया जायेगा|

(9) परिषद/समिति द्वारा किया गया कोई खर्च, सामान्य वितिय नियम और सहायक नियम की निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप और सरकार द्वारा समय-समय पर किए गए संशोधन के अनुरूप होगा|

(10) परिषद या समितियों द्वारा, जैसी भी स्थिति हो प्राप्त राशि के लिए तुरंत के फार्म में रसीद जारी की जायेगी|

(11) परिषद और समितियों में खातों और लेखा परीक्षा के रखरखाव के मामले में, परिषद- उपाध्यक्ष या उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के अनुदेशों का पालन किया जायेगा|

(12) सभी प्राप्तियों और खर्चों के खाते परिषद के सचिव और लेखा अधिकारी द्वारा तथा समितियों के मामले में सचिव और लेखा प्रभारी द्वारा रखे जाएंगे और उनकी लेखा परीक्षा की जायेगी|

(13) परिषद और समिति के प्राथमिक (अनिवार्य) खर्चों के पूरा करने के बाद शेष राशि को सरकार की लघु अवधि व दीर्घ अवधि योजनाओं में और व्यापारिक बैंकों में या बाजार विकास निधि के मामले में निदेशक द्वारा स्वीकृत किसी अन्य योजना में लगाया जायेगा अर्थात निवेश किया जायेगा|

12. परिषद और समिति के खातों का रखरखाव

परिषद और समिति की सभी प्राप्ति और खर्च के खातों का रखरखाव समय-समय पर निदेशक द्वारा निर्धारित तरीके से किया जायेगा|

13. परिषद को अंशदान और सरकार को खर्च (लागत) की रकम भेजना

(1) अधिनियम की धारा 89 की उपधारा (2) की धारा (क) के अंतर्गत समितियों द्वारा परिषद को देय अंशदान की राशि, समितियों द्वारा प्रति माह अगले महीने के पहले सप्ताह में भेज दी जायेगी|

(2) अधिनियम की धारा 89 की उपधारा (2) की धारा (ख) के अंतर्गत सरकार को देय खर्च सरकार द्वारा उलिखित अवधि में सरकार द्वारा निर्धारित तरीके व अनुपात में देय होगा|

(3) यदि उपयुर्कत उप नियम (1) और (2) में देय अंशदान या खर्च भेजने में बिना किसी उचित कारण के या बिना कोई सफाई दिए तीन महीने से अधिक की देरी होती है तो यह समिति के अध्यक्ष/सचिव के कार्य (ड्यूटी) निसपादन में कमी मानी जायेगी|

14. खातों की लेखा परीक्षा

(1) वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर तुरंत, निदेशक द्वारा प्राधिकृत सनदी लेखापाल (चार्टर्ड अकाउंटेंट) द्वारा वर्ष में एक बार परिषद के खातों की लेखा परीक्षा की जायेगी और अधिनियम की धारा 87 में विशेष रूप से वर्णित सभी मदों की लेखा परीक्षा रिपोर्ट की एक प्रति अनुवर्ती वर्ष की 30 सितंबर तक निदेशक/सचिव, कृषि विपणन विभाग (विकास आयुक्त) को भेजी जायेगी|

(2) परिषद के खातों का लेखा परीक्षा शुल्क, समय-समय पर निदेशक द्वारा निर्धारित दर से परिषद द्वारा दिया जायेगा|

(3) विपणन समिति के खातों के लेखा परीक्षा वर्ष की समाप्त पर वर्ष में एक बार अनुवर्ती वर्ष की 30 सितंबर तक निदेशक द्वारा प्राधिकृत सनदी लेखापाल द्वारा की जायेगी|

(4) विपणन समिति खातों का लेखा परीक्षा शुल्क निदेशक द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर पर समिति द्वारा दिया जायेगा|

(5) सचिव, कृषि विपणन विभाग (विकास आयुक्त), दिल्ली सरकार, किसी अधिकारी को किसी भी समय परिषद के खातों और भंडारों का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त कर सकता है, यदि वह उचित समझे| सचिव/लेखा अधिकारी, परिषद उस अधिकारी को निरीक्षण के लिए लेखों आदि की सभी किताबें प्रस्तुत करेंगे|

(6) उपाध्यक्ष-परिषद स्वयं या किसी अधिकारी को विपणन समिति की नकदी व भंडार-खातों की कम से कम छमाही (अर्ध-वार्षिक) निरीक्षण के लिए नियुक्त कर सकता है और विपणन समिति के सचिव की यह ड्यूटी होगी कि इस आवधिक निरीक्षण के लिए सभी सुविधाएं जुटाएं और सभी दस्तावेज प्रस्तुत करें|

(7) परिषद के खातों के लेखा परीक्षा के मामले में लेखा अधिकारी, परिषद या उसके द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य अधिकारी और विपणन समिति के खातों के लेखा परीक्षा के मामले में सचिव समिति या उसके द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य अधिकारी, लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा लेखा परीक्षा के लिए मांगने पर सभी खाते, रजिस्टर, दस्तावेज और अन्य सभी संबंधित कागजात उसको प्रस्तुत करेगा या करायेगा| किसी विसंगति के निपटान के लिए उस अधिकारी द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण का उत्तर उसे तुरंत दिया जायेगा|

 

अध्याय-III

लाइसेंस देना, नवीकरण, निलंबन या रद्द करना

 

15. लाइसेंस देना

(1) विपणन समिति या जहां विपणन समिति काम नहीं कर रही हो वहाँ निदेशक, जो उचित समझे वह जांच करने के बाद लाइसेंस दे सकता है, नवीकरण कर सकता है, या लिखित कारण बताकर ऐसे किसी लाइसेंस को जारी करने या नवीकरण करने से मना कर सकता है\

(2) एक व्यक्ति जो बाजार परिसर/क्षेत्र में कृषि उत्पाद विपणन के लिए किसी स्थान के प्रयोग के लिए लाइसेंस लेना चाहता है, या वहां व्यापारी, कमिशन एजेंट, आढती, संसाधित करने वाले तौला, मापक, सर्वेक्षक, गोदाम में काम करने वाला या कृषि उत्पाद विपणन संबंधी किसी अन्य हैसियत से काम करना चाहता है तो वह फॉर्म (ए) या (डी) में उस क्षेत्र की समिति के सचिव को दो प्रतियों में आवेदन करेगा, जिसके क्षेत्र में वह अपना कार्य-व्यापार करना चाहता है या कृषि उत्पाद का विपणन करना चाहता है तथा वह समिति में अपेक्षित-लाइसेंस फीस और अपेक्षित प्रतिभूति नकद जमा करेगा|

(3) प्रतिभूति राशि वही होगी जो विपणन समिति द्वारा उपविधिओं के अंतर्गत तय की जाए| इस नियम के अंतर्गत लाइसेंस जारी करने के लाइसेंस फीस निम्न प्रकार होगी:-

क्रं० स०

लाइसेंस की श्रेणी

लाइसेंस फीस (रु०)

(प्रति वर्ष)

(ए)

व्यापारी (थोक विक्रेता), आटा-चक्की, तेल निकालने वाले, दाल मिल सहित जो संसाधन के बाद बेचने के लिए कृषि उत्पाद खरीदते हैं|

100/-

(ब)

मुख्य बाजार या सहायक बाजार में काम करने वाले कमीशन एजेंट|

100/-

(सी)

मुख्य और सहायक बाजारों में काम करने वाले दलाल (आढती)|

100/-

(डी)

संसाधन करने वाले, शीतभंडारों और गोदामों सहित भंडारों में काम करने वाले

100/-

(इ)

मुख्य और सहायक बाजार को छोड़कर, बाजार क्षेत्र में अपना व्यापार करने और केवल बाजार क्षेत्र में उपभोक्ताओं को बेचने के लिए अपना परिसर स्थापित करने वाले खुदरा व्यापारी|

50/-

(एफ)

तौला, मापक, सर्वेक्षक और समिति द्वारा मान्य अन्य इसी प्रकार के बाजार कार्यकर्ता|

25/-

(जी)

पल्लेदार

2/-

बशर्ते श्रेणी में वर्णित कार्यकर्ताओं को कमीशन एजेंटों से खरीदने (माल) की अनुमति नहीं दी जायेगी, जब तक कि समिति के सचिव द्वारा ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाए|

(4) ढेला चालक या उसके मालिक, रेहड़ा, रिक्शा, टेम्पों या ट्रक या सिर पर सामान ढोने वाले व्यक्ति द्वारा समय-समय पर सरकार द्वारा निर्धारित प्रतिचक्कर फीस देनी होगी|

(5) धारा 55 की उपधारा (2) के खंड (क) के प्रावधानों के अनुसार बाजार में वाहन और व्यक्ति की प्रविष्टि नियंत्रित करने के लिए कृषि उत्पाद के क्रय विक्रय के लिए वैध लाइसेंस रखने वाले व्यक्ति के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति बाजार में प्रवेश नहीं करेगा या प्रवेश करने का प्रयास नहीं करेगा जबकि विपणन समिति की तरफ से प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा ऐसा न करने के लिए कहा जाए|

स्पष्टीकरण:- इस धारा के उद्देश्य से व्यक्ति में वाहन भी शामिल है|

(6) वर्ष 2000 में इन नियमों के लागू होने से पूर्व जारी किए गए लाइसेंस शेष चालू अवधि के लिए वैध रहेंगे| इसकी अवधि समाप्त होने पर लाइसेंस धारक इन नियमों के अनुसार तय दर पर नया लाइसेंस प्राप्त करेगा|

(7) जब तक कि लाइसेंस में अन्यथा न कहा जाए, इन नियमों के अंतर्गत जारी लाइसेंस एक साल की अवधि के लिए वैध रहेगा|

(8) सभी वर्गों के व्यापारी, तौला, मापक और बाजार क्षेत्र में काम करने वाले अन्य कार्यकर्ता उपयुक्त अनुसूची के अनुसार प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए या उसके किसी भाग के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फीस देंगे|

(9) आवेदन पत्र की प्राप्ति पर समिति का सचिव यह सुनिश्चित करेगा की अपेक्षित लाइसेंस फीस और प्रतिभूति राशि जमा करा दी गई है और और उसमें दिए गए तथ्यों की सत्यता की जांच करने के बाद उसे समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा|

(10) समिति यथा स्थिति आवेदक को फॉर्म(बी) और (इ) में लाइसेंस जारी कर सकती है| लाइसेंस उसमें वर्णित शर्तों के अधीन होगा|

(11) समिति द्वारा इस नियम के अंतर्गत जारी किए गए लाइसेंसों का रिकॉर्ड फॉर्म सी में रखा जायेगा|

(12) व्यापार कार्य समाप्त होने के तीन महीने बाद, सम्बंधित समिति के सचिव द्वारा जारी क्लीयरेंस (कुछ लेना शेष नहीं) प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने पर प्रतिभूति (राशि) समिति द्वारा वापस की जायगी|

(13) लाइसेंस धारक किसी समय भी परिवर्तित श्रेणी के लाइसेंस की फीस और प्रतिभूति देकर लाइसेंस की श्रेणी बदलवाने के लिए आवेदन कर सकता है|

(14) जहां विपणन समिति का गठन नहीं हुआ है या उसने काम करना शुरू नहीं किया है, वहां निदेशक द्वारा लाइसेंस जारी किए जाएंगे| इस नियम के उपनियम 1 से 13 के उपबंध, निदेशक द्वारा लाइसेंस जारी करने के संबंध में लागू होंगे-बशर्त इस तरह से वसूल की गई लाइसेंस फीस बाजार विकास निधि में जमा कराई जायेगी|

(15) समिति या निदेशक, जैसा भी मामला हो, आवेदन पत्र प्राप्त होने के बाद 60 दिन के अंदर लाइसेंस जारी करेंगे| यदि आवेदन - पत्र प्राप्ति के बाद 60 दिन के अंदर लाइसेंस जारी या नवीकरण नहीं किया जाता है या ऐसा करने से इनकार नहीं किया जाता है तो यह मान लिया जायेगा कि यह जारी या नवीकृत कर दिया गया है|

16. लाइसेंस रद्द या निलंबित करना

(1) उपनियम 3 के प्रावधानों की शर्तों के अधीन विपणन समिति और जहां विपणन समिति गठित नहीं की गई है या उसने काम करना शुरू नहीं किया है, वहां निदेशक लिखित में कारण रिकॉर्ड करते हुए, जारी या नवीकरण किए गए लाइसेंस को इन नियमों के अंतर्गत निलंबित या रद्द कर सकते हैं:-

(क) यदि लाइसेंस जान बूझकर झूठ बोलकर या धोखाधड़ी द्वारा प्राप्त किया गया हो;

(ख) यदि लाइसेंस धारक किया उसकी तरफ से काम करने वाला उसका कोई नौकर या कोई व्यक्ति, जिसे उसने काम करने की अनुमति दी हुई है, लाइसेंस के नियम एवं शर्तों का उल्लंघन करता है और या लाइसेंस धारक इस अधिनियम के प्रावधानों, इन नियमों और उप विधियों का उल्लंघन करता है;

(ग) यदि लाइसेंस धारक अन्य लाइसेंस धारकों के साथ मिलकर कोई काम करता है या जानबूझकर बाजार परिसर और या बाजार क्षेत्र में कृषि उत्पाद विपणन में बाधा डालने, निलंबित करने या रोकने के लिए अपना सामान्य कार्य व्यापार नहीं करता है;

(घ) यदि लाइसेंस धारक को दिवालिया घोषित किया गया है और वह इससे मुक्त नहीं हुआ है, या

(च) यदि लाइसेंस धारक इस अधिनियम के अंतर्गत किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है|

(2) उपनियम (1) में कुछ भी अन्तविर्ष्ट न होने के बावजूद उपनियम (3) के प्रावधानों के अधीन, निदेशक लिखित में कारण रिकॉर्ड करके, आदेश द्वारा, इन नियमों के अंतर्गत जारी या नवीकृत किसी लाइसेंस को निलंबित या रद्द कर सकते हैं|

(3) कोई लाइसेंस तब तक निलंबित या रद्द नहीं किया जाएगा जब तक की उसके धारक को प्रस्तावित कार्रवाही के विरुद्ध कारण बताने का उचित अवसर नहीं दिया जाता|

17. लाइसेंस जारी करने या नवीकरण करने से इनकार करना

(1) समिति या जहां समिति गठित नहीं की गई है या उसने काम करना शुरू नहीं किया है निदेशक, जैसा भी मामला हो अन्य बातों के साथ-साथ लाइसेंस जारी करने या उसका नवीकरण करने से इनकार कर सकता है, यदि:-

(क) लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति दिवालिया घोषित कर दिया गया हो;

(ख) समिति इस बात से संतुष्ट हो कि लाइसेंस के लिए आवेदन करने का उद्देश्य, समिति के चुनाव में, लाइसेंस प्राप्त करके केवल वाटर बना है;

(ग) पिछले वर्ष में बिना किसी उचित कारण के लाइसेंस क्रिया शील नहीं रहा था अथार्त उसके आधार पर कोई कार्य नहीं किया गया;

(घ) आवेदन करने वाले व्यक्ति बेनामी है या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सांझीदार है, जिसे लाइसेंस देने से मना किया गया है या उसका लाइसेंस रद्द या निलंबित किया गया है तो उस रद्द या निलंबित अवधि के दौरान (लाइसेंस देने से मना किया जा सकता है);

(च) लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है जिससे कि उक्त व्यक्ति की व्यापारी के रूप में ईमानदारी शामिल (संदिग्ध) है, तो इस दोषसिद्धि के पांच वर्षों के अंदर;

(छ)   लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास व्यापार करने के लिए कृषि उत्पाद विपणन के लिए कोई परिसर नहीं है;

(ज) आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र (फार्म) में दी गई कोई सूचना वास्तव में गलत है|

(2) लाइसेंस जारी करने या उसके नवीकरण से इनकार करने के आदेश प्रभावित व्यक्ति की बात सुनने का उचित अवसर दिए बिना जारी नहीं किए जाएंगे|

(3) यदि किसी व्यक्ति को लाइसेंस प्रदान करने या उसके नवीकरण से मना किया जाता है तो उसके द्वारा जमा लाइसेंस फीस और प्रतिभूति वापस कर दी जायेगी|

18. लाइसेंस का नवीनीकरण और उसकी अनुलिपि (डुप्लीकेट) जारी करना

(1) लाइसेंस उस अवधि के लिए वैध होगा जिसके लिए वह दिया गया है और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किये गये किसी आदेश के अधीन ऐसा लाइसेंस जारी करने के लिए निर्धारित फीस का भुगतान करने पर उसका नवीकरण किया जायेगा| नवीकरण करने के लिए आवेदन, फॉर्म (एफ) या (जी) जो सम्बंधित हो, में किया जायेगा|

(2) यदि किसी बाजार क्षेत्र में कोई क्षेत्र अलग करके किसी दूसरे में मिलाया जाता है तो उस हटाए गए क्षेत्र के लिए जारी किया गया लाइसेंस, उस बाजार क्षेत्र की समिति द्वारा जारी किया गया माना जायेगा जिसमें वह क्षेत्र मिलाया गया है और वह उस क्षेत्र की समिति द्वारा नवीकरण किए जाने योग्य होगा|

(3) लाइसेंस के नवीकरण के लिए आवेदन लाइसेंस की अवधि समाप्त होने की तिथि से कम से कम 30 दिन पहले किया जाएगा|

इससे आगे शर्त यह है कि लाइसेंस नवीकरण के लिए सक्षम अधिकारी, आवेदक द्वारा वार्षिक लाइसेंस फीस के बराबर जुर्माना राशि देने पर इसे अवधि समाप्त होने वाली तिथि के 30 दिन के अंदर नवीकृत कर सकता है| लाइसेंस नवीकरण करने में सक्षम प्राधिकारी यदि इस बात से संतुष्ट है कि देरी का कारण आवेदक के नियंत्रण में नहीं था तो वह जुर्माना राशि पूर्ण रूपेण या किसी अंश तक कम कर सकता है|

इसमें आगे यह भी शर्त है कि कोई लाइसेंस वर्ष के किसी भाग के लिए जारी नहीं किया जायेगा|

अर्थात वह पूरे वर्ष के लिए ही जारी किया जायेगा|

(4) इस नियम के अंतर्गत जारी किए गए प्रत्येक लाइसेंस का नवीकरण इसकी अवधि समाप्त तिथि की अगली तिथि से प्रभावी माना जायेगा|

(5) उपनियम (3) की शर्तों के अतिरिक्त, अवधि समाप्ति पर लाइसेंस के नवीकरण के लिए किए गए प्रत्येक आवेदन को नया लाइसेंस जारी करने का आवेदन माना जायेगा|

(6) यदि कोई लाइसेंस खो जाता है तो लाइसेंस धारक द्वारा रू० 100/- का फीस के रूप में भुगतान करने पर उसी अधिकारी द्वारा इसकी अनुलिपि (डुप्लीकेट) जारी की जा सकती है, जिसने मूल लाइसेंस जारी किया था|

(7) लाइसेंस के नवीकरण या अनुलिपि के लिए फीस संबंधी समिति को दी जायेगी|

19. लाइसेंस जारी करने के विरुद्ध निषेध

इसके आगे के शर्तों के अतिरिक कोई व्यक्ति एक समय में एक श्रेणी से अधिक के लाइसेंस नहीं रखेगा|

परंतु जैसा कि नियम 15 के उपनियम (2) में उलिखित किया गया है कि यदि एक लाइसेंस धारक (ए) श्रेणी में आता है तो वह (बी) श्रेणी का लाइसेंस भी रख सकता है और इसके विपरीत (बी) श्रेणी का लाइसेंस धारक (ए) श्रेणी का लाइसेंस भी रख सकता है|

20. लाइसेंस लेने से छूट प्राप्त व्यक्ति

(1) निम्नलिखित व्यक्तियों को कृषि उत्पाद खरीदने के लिए लाइसेंस रखने में छूट प्रदान की जायेगी:-

(क) कोल्हू का प्रयोग करने वाला बशर्त उसने बाजार क्षेत्र में दो से अधिक कोल्हू  लगाए हो;

(ख) फेरी वाले, जिनके पास व्यापार के लिए कोई निश्चित स्थान नहीं है;

(ग) आटा-चक्की के स्वामी यदि वे एक दिन में 10 क्विंटल से कम खाद्यान्न खरीदते हैं;

बशर्त धारा (क) में वर्णित व्यक्ति के मामले में खरीद संबंधित व्यक्ति की व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही की जायेगी|

(2) निम्नलिखित को किसी उत्पाद की बिक्री के लिए लाइसेंस लेने से छूट दी जायेगी:-

(क) अनुसूचित बैंक जब किसी उत्पादक के लाइसेंस धारक के कृषि उत्पाद के विरुद्ध कार्यवाही करें, जिनको ऐसे कृषि उत्पाद की जमानत पर अग्रिम राशि दी हुई है

(ख) वे फेरी वाले जो फेरी लगाने के अतिरिक्त, कृषि उत्पाद के किसी लेनदेन में सलग्न नहीं है;

(ग) वे किसान जो बिना किसी कमीशन एजेंट की सहायता के अपना माल यार्ड या उपयार्ड में स्वयं बेचते हैं| तथापि वे समिति के अनुमित्त/अनुज्ञप्ति प्राप्त करेंगे|

(3) निम्नलिखित को कृषि उत्पाद संशाधन के लिए लाइसेंस लेने से छूट दी जायेगी, अर्थात:-

(क) चक्की वाले जो कृषि उत्पाद की कोई बिक्री या खरीददारी नहीं करते बल्कि जो केवल छिलने सहित उपभोक्ताओं के लिए कृषि उत्पाद की पिसाई करते हैं;

(ख) केवल धान कूटने में लगे हुए व्यक्ति|

(4) अनुसूचित बैंकों को उस उत्पादक या लाइसेंस धारक के कृषि उत्पाद के भंडारण के लिए, जिसको उन्होंने ऐसे कृषि उत्पाद की जमानत पर अग्रिम धन राशि दी थी तथा जिसने अपने कृषि उत्पाद को बैंक के पास गिनी रख दिया था, भंडारण व्यापार के लिए लाइसेंस लेने से छूट दी जायेगी|

(5) यदि यह विवाद उठना है कि इस नियम के अंतर्गत कोई व्यक्ति छूट का हक़दार है या नहीं, तो उपाध्यक्ष-परिषद, संभावित व्यक्ति को अपनी बात कहने का अवसर देने के बाद मामले का निर्णय करेगा| उसका निर्णय अंतिम होगा|

स्पष्टीकरण :- इस नियम के उपनियम (1) की धारा (ख), उपनियम (2) की धारा (ख) के उद्देश्य से फेरी वाले में, साइकिल, रिक्शा, रेहड़ा आदि चल वाहन पर कृषि उत्पाद बेचने में संलग्न व्यक्ति व सिर पर सामान बेचने वाले (फेरी वाले) भी शामिल हैं|

21. लाइसेंस धारा द्वारा रखी जाने वाली किताबें

(1) प्रत्येक लाइसेंस धारक –

(क) वे किताबें उस प्रकार से रखेगा, जैसा कि समिति द्वारा समय-समय पर अपने उपनियमों द्वारा निर्धारित की जाए;

(ख) वे सभी विवरण उसी समय और उसी प्रकार प्रस्तुत किए जाएँगे जैसे कि समिति परिषद/निदेशक द्वारा निर्धारित किए जाएं या निर्देश दिए जाएं|

(2) नियमों के अंतर्गत नियत सभी फार्म व्यापारियों और अन्य कार्य कर्ताओं को समिति द्वारा निर्धारित मूल्य पर दिए जाएंगे तथा उनका मूल्य स्वयं फार्म पर ही लिखा होगा|

22. अपील की प्रक्रिया

(1) अधिनियम की धारा 82 के अंतर्गत की गई प्रत्येक अपील पर दस रु० की कोर्ट फीस स्टैंप लगाई जायेगी|

(2) अपील ज्ञापन के रूप में होगी, जिसमें उसे आदेश के विरुद्ध की गई आपत्ति का संक्षिप्त आधार दिया जायेगा जिसके विरुद्ध अपील की गई और उसके साथ विरोध किए जाने वाले आदेश की प्रति, करण बताओ नोटिस की एक प्रति और उसके जवाब कि एक प्रति भी संलग्न की जायेगी|

(3) लाइसेंस जारी करने या नवीकरण करने से मना करने या उसे निलंबित या रद्द करने के समिति के निर्णय के विरुद्ध अपीलकर्ता या उसके विधिवत प्राधिकृत एजेंट द्वारा उस आदेश की प्राप्ति पर 30 दिन के अंदर परिषद-उपाध्यक्ष को अपील प्रस्तुत की जायेगी| उपाध्यक्ष, लाइसेंस निलंबित या रद्द करने के समिति के निर्णय के विरुद्ध स्थगन-आदेश जारी कर सकता है या जैसा वह ठीक समझे|

(4) अपील की प्राप्ति पर उपाध्यक्ष उचित समय सीमा में मामले का निर्णय करेगा तथा वह संबंधित पार्टी को अपनी बात कहने का उचित अवसर देगा|

(5) जब निदेशक द्वारा लाइसेंस जारी करने या नवीकरण करने या निलंबित या रद्द करने के आदेश जारी किए जाएं तो अपील, आदेश प्राप्ति के बाद 30 दिन के अंदर सचिव, कृषि विपणन विभाग (विकास आयुक्त), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार को की जायेगी तथा यदि वह उचित समझे तो उस आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा सकता हैं:-

इसमें शर्त यह है कि सचिव, कृषि विपणन विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा पार्टियों को अपनी बात कहने का उचित अवसर देने के बाद अपील का निर्णय उचित समय सीमा में किया जायेगा|

(6) नियम 1 से 5 में निर्दिष्ट प्रक्रिया सचिव, कृषि विपणन विभाग (विकास आयुक्त), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार को प्रस्तुत की गई अपील के मामले में लागू होगी:-

इसमें शर्त यह की उपाध्यक्ष परिषद या सचिव कृषि विपणन विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, जैसा भी मामला हो, अपील रद्द करने से पूर्व अपील कर्ता को अपनी बात करने का उचित अवसर देंगे और अपनी रद्द करने का कारण लिखित रूप में रिकॉर्ड किया जायेगा|

23. जुर्माने के विरुद्ध अपील

(1) अधिनियम की धारा 123 की उपधारा (1) के अंतर्गत आदेश के विरुद्ध अपील जुर्माने/जुर्मानों की अदायगी पर 30 दिन के अंदर उपाध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी| इस तरह से की गई अपील में मामले का पूरा विवरण और पांच रु० कोर्ट फीस स्टेम्प लगी होगी तथा साथ ही उस आदेश की प्रति भी होगी जिसके विरुद्ध अपील की गई है|

(2) अपील प्रस्तुत करने के बाद उपाध्यक्ष, पार्टी को अपनी बात कहने का उचित अवसर देने के बाद उचित समय के अंदर मामले का निर्णय करेगा|

(3) अधिनियम की धारा 123 की उपधारा (2) के अंतर्गत की गई अपील यदि स्वीकृत कर ली जाती है तो अपील कर्ता को जुर्माना राशि वापस कर दी जायेगी|

24. फार्म आदि के गठन में परिवर्तन की सूचना

(1) प्रत्येक व्यापारी या कमीशन एजेंट को गठन में परिवर्तन, कारोबार बंद होने, भंग होने, फर्म कंपनी, निगम, व्यक्तियों के समूह आदि में विभाजन अथवा उससे जुड़े हुए किसी व्यक्ति की मृत्यु की सूचना, ऐसी घटना घटित होने के 15 दिन के अंदर विपणन समिति को देनी होगी|

(2) समिति, सूचना के औचित्य और यदि लाइसेंस धारक को कोई दुकान या प्लाट का आवंटन हुआ है तो आबंटन को शर्तों और प्रतिबंधों की पूर्ति के प्रति, संतुष्ट होने पर लाइसेंस में आवश्यक संशोधन करने के आदेश देगी|

(3) उपनियम (1) में किसी बात के होते हुए भी यदि फर्म विनिर्दिष्ट समय के अंदर समिति सचिव को उपनियम (1) के संदर्भित परिवर्तन की सूचना देने में असफल रहती है तो वह नई फर्म/कंपनी आदि का गठन माना जायेगा और उसके लिए नए लाइसेंस की आवश्यकता होगी|

(4) इस नियम में, सहकारी समिति को लाइसेंस प्रदान करने के मामले में कुछ भी लागू नहीं होगा|

अध्याय-IV

कृषि उत्पादन का विपणन

25. आढ़ती या कमीशन एजेंट की सेवा अनिवार्य नहीं

(1) कोई व्यक्ति किसी लेन देन (सौदे) के लिए आढ़ती या कमीशन की सेवा लेने को बाध्य नहीं होगा या किसी अन्य पार्टी द्वारा लेन देन के लिए नियुक्त आढ़ती को देने (कमीशन) या जब कोई भी नियुक्त न किया गया हो तो आढ़ती को कुछ देने की आवश्यकता नहीं होगी|

(2) जब कोई व्यक्ति किसी कमीशन एजेंट के माध्यम से किसी कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय में संलग्न होगा है और वह कमीशन एजेंट अपनी नियोक्ता के लिखित प्राधिकार के बिना उस सौदे के संबंध में किसी आढ़ती को नियुक्त करता है तो उस आढ़ती का कमीशन, उस कमीशन एजेंट को देय पारिश्रमिक में से देय होगा|

(3) एक ही व्यक्ति एक ही सौदे में कृषि उत्पाद के विक्रेता के लिए आढ़ती के रूप में काम नहीं करेगा|

26. कृषि उत्पादन की बिक्री

(1) बाजार में बिक्री के लिए लाए गए सभी कृषि उत्पाद मुख्य बाजार या सहायक बाजार में केवल खुली बोली द्वारा बेचे जायेगे|

(2) जैसा कि समिति की उपविधियों में उलिखित है, उपनियम (1) किसान द्वारा अपने उत्पाद की फुटकर बिक्री पर लागू नहीं होगा|

(3) समिति किसी कृषि उत्पाद के संबंध में नीलामी शुरू व बंद होने का समय तय करेगी|

(4) कृषि उत्पाद का मूल्य गुप्त संकेत या गुप्त बोली द्वारा तय नहीं किया जायेगा और खुली बोली में प्राप्त व स्वीकार की गई सबसे ऊंची बोली में से कोई कटौती नहीं की जायेगी|

(5) समिति द्वारा निर्धारित समय और अनुदेशों के अनुसार नीलामी कमीशन एजेंट या विपणन समिति के नीलम कर्ता (ओक्सनर) द्वारा की जायेगी|

(6) नीलामी बिक्री में खरीददार द्वारा लगाई गई उच्चतम बोली तथा उत्पादन-विक्रेता द्वारा अपना माल बेचने के लिए उस पर दी गई सहमति, उत्पादन का विक्रय मूल्य होगा|

(7) यह माना जायेगा कि खरीददार ने उस कृषि उत्पादन का पूर्ण रूपेण निरीक्षण कर लिया है जिसके लिए उसने बोली लगाई है और उसे इससे मुकरने (मना करने) का अधिकार नहीं होगा|

(8) जैसे ही एक ढेर की नीलामी समाप्त हो जाए, समिति कर्मचारी फार्म एच में रखी जाने वाली किताब में सम्बंधित विवरण भरेगा और खरीददार व विक्रेता दोनों या उनके प्रति निधि, जो भी उसे समय वही उपस्थित हो, के हस्ताक्षर ले लेगा|

(9) समिति कार्यालय में फार्म आई में एक रजिस्टर रखा जायेगा और नीलामी के दौरान बिना बिक्री के शेष रहे कृषि उत्पाद के ढ़ेरों की प्रविष्टि इस रजिस्टर में की जाएगी| प्रत्येक कमीशन एजेंट की यह ड्यूटी होगी कि वह बिना बिक्री वाले ढेरों या धानी को बेचने पर उसकी सूचना शीघ्र समिति को देगा| नीलामी के तुरंत बाद यदि आवश्यक हो तो कृषि उत्पाद का वजन या गिनती या मापने की जिम्मेदारी खरीदार की होगी|

(10) यदि उत्पादक द्वारा कृषि उत्पाद को बेचने के लिए किसी व्यक्ति को लगाया जाता है तो वह उत्पादक की पूर्व स्वीकृति के बिना उस माल के संबंध में, स्वय के लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए खरीददार के रूप में काम नहीं करेगा|

(11) कमीशन एजेंट माल की तुलाई के बाद विक्रेता को तुरंत भुगतान करेगा|

(12) प्रत्येक कमीशन फार्म जे में चार प्रतियाँ में रसीद तैयार करेगा| मूल प्रति बिक्री मूल्य के भुगतान के समय विक्रेता को दी जाएगी, दूसरी प्रति अगले दिन विपणन समिति को दी जाएगी, तीसरी प्रति खरीददार को दी जाएगी और चौथी प्रति कमीशन एजेंट द्वारा अपने रिकॉर्ड के लिए रखी जाएगी| जहां कोई कमीशन एजेंट नियुक्त नहीं किया जाता वहां खरीददार तीन प्रतियों में रसीद तैयार करेगा और उन्हें उपयुर्क्त तरीके से वितरित करेगा|

(13) इसके विपरीत किसी लिखित समझौते के अभाव में, इन नियमों के अधीन खरीदे गए कृषि उत्पादन का बिक्री मूल्य जे फॉर्म देने पर खरीददार द्वारा कमीशन एजेंट को दिया जाएगा|

(14) बिक्री के बाद कृषि उत्पाद की सुपर्दगी तब तक नहीं की जाएगी या ली जाएगी जब तक की कमीशन एजेंट या यदि विक्रेता द्वारा कोई कमीशन एजेंट नियुक्त नहीं किया गया है, तो खरीददार, विक्रेता को फॉर्म जे में बिक्री प्रमाण-पत्र (वाउचर) नहीं दे देता|

27. विवाद उप समिति और मध्यस्थ की नियुक्ति

(1) विपणन समिति अपने सदस्यों में से एक उप समिति का गठन कर सकती है, जो विवाद उप समिति कहलायेगी इसमें (शामिल) होंगे:-

(क) समिति का कोई सदस्य इसके उपाध्यक्ष के रूप में;

(ख) विपणन समिति के दो किसान प्रतिनिधि;

(ग) उपभोक्ताओं के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला विपणन समिति का एक प्रतिनिधि;

(घ) विपणन समिति से व्यापारियों का एक प्रतिनिधि|

(2) विपणन समिति, उपाध्यक्ष परिषद की स्वीकृति से प्रत्येक बाजार परिसर के लिए, उपयुक्त विवादों के निपटन के लिए मध्यस्थों के रूप में काम करने के लिए 6 व्यक्तियों की सूची बना सकती है| सूची में शामिल होने वाला प्रत्येक व्यक्ति अच्छा ज्ञान और बाजार क्षेत्र में रहने का पर्याप्त अनुभव रखने वाला होगा या वह, जिस बाजार परिसर की सूची तैयार की जा रही है, उसमें व्यापार करने वाला व्यापारी हो| मध्यस्थों के नाम की सूची सूचना पटट (नोटिस बोर्ड) और बाजार में कुछ विशिष्ट स्थानो पर लगाई जाएगी|

(3) जिस पार्टी के अनुरोध पर कोई विवाद मध्यस्था के लिए, या निपटान के लिए विवाद उपसमिति को भेजा जाए वह विपणन समिति को फीस के रूप में एक सौ रूपये अग्रिम रूप में देगी|

28. विवाद का निपटान

(1) जहां धारा 83 के संदर्भ में, बाजार क्षेत्र में काम करने वाली किसी पार्टी के बीच कोई विवाद उत्पन्न हो, वहां सचिव या विपणन समिति या उसकी तरफ से विपणन समिति द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य व्यक्ति, यदि (संबंधित) पार्टियां मध्यस्था द्वारा विवाद हल करने के लिए सहमत हो तो वह मामला मध्यस्थता के लिए भेज सकता है और ऐसी सहमति के अभाव में नियम 27 के अंतर्गत विवाद उप समिति को भेज सकता है|

(2) जब पार्टियों मध्यस्थता के सहारे विवाद के निपटान के लिए सहमत हूं तो विवाद शेश्वध प्रत्येक पार्टी और विपणन समिति का सचिव या विपणन समिति द्वारा अपनी तरफ से प्राधिकृत कोई अन्य व्यक्ति, नियम 27 के उपनियम (2) में उलिखित मध्यस्थों की सूची में से मध्यस्थ/मध्यस्थों का चयन करेगा|

(3) मध्यस्थ तथा संभव सर्वसम्मत निर्णय पर पहुंचने का प्रयास करेंगे परंतु असहमति की स्थिति में बहुमत का निर्णय मान्य होगा| पार्टियों को निर्णय की लिखित सूचना उसके कारण सहित भेजी जायेगी|

(4) यथा संभव प्रत्येक विवाद का निर्णय उसी स्थान पर और उसी दिन किया जाएगा|

(5) मध्यस्थ या विवाद उप समिति अपना निर्णय रिकार्ड करते समय विवाद से संबंधित प्रत्येक पार्टी द्वारा मध्यस्थ को दी जाने वाली फीस की मात्रा (राशि) भी तय करेगी| पार्टी द्वारा दी जाने वाली फीस की राशि, जिसके अनुरोध पर विवाद मध्यस्थता के लिए या विवाद उप समिति को भेजा गया हो, उसके द्वारा नियम 27 के अधिनियम (3) के अंतर्गत दी गई राशि के विरुद्ध समायोजित की जाएगी अथार्त जो फीस तय की जाएगी उसमें से पहले दी गई राशि कम कर दी जायेगी|

(6) यदि जिस पार्टी के अनुरोध पर मामला मध्यस्थता के लिए या विवाद उपसमिति को भेजा गया है, वह कोई फीस देने के लिए उत्तरदायी नहीं है तो उसके द्वारा अग्रिम रूप से दी गई फीस राशि, मध्यस्थों का विवाद उप समिति; जैसा भी मामला हो, के निर्णय के दिन ही, उसकों विपणन समिति द्वारा वापस कर दी जाएगी|

29. विवाद उप समिति द्वारा कार्य संपादन

(1) विवाद उप समिति द्वारा तब तक कोई कार्य संपादित नहीं किया जाये जब तक की समिति के उपाध्यक्ष सहित तीन सदस्य उपस्थित ना हो|

परंतु उप नियम (1) के अंतर्गत कोरम (गणपूर्ति) के उद्देश्य से विवाद में संलग्न पार्टियों के प्रतिनिधियों की गणना नहीं की जाएगी|

(2) विवाद उप समिति की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष द्वारा की जाएगी यह और यदि वह अनुपस्थित है तो विवाद उप समिति के उपस्थित सदस्यों में से उस एक सदस्य द्वारा की जाएगी जिस बैठक में समिति के अन्य सदस्यों के द्वारा इस पर अवसर पर पीठासीन प्राधिकारी के रूप में चुना जाए|

(3) सभी प्रश्नों का निर्णय वोट डालने वाले उपस्थित सदस्यों के बहुमत द्वारा किया जाएगा| वोटो के बराबर रहने की स्थिति में पीठासीन प्राधिकारी द्वारा दूसरा या निर्णायक वोट डाला जाएगा|

(4) मध्यस्थ या विवाद उस समिति के निर्णय से दुखी (असंतुष्ट) पार्टी आदेश के बाद सात दिन के अंदर उपाध्यक्ष-परिषद को अपील कर सकती है|

(5) अपील ज्ञापन के रूप में प्रस्तुत की जायेगी तथा उसमे जिस आदेश के विरुद्ध अपील की गई हो उसके लिए आपत्ति-आधार संक्षिप्त रूप में दिया जाएगा तथा उस आदेश की एक प्रति भी संलग्न की जाएगी| अपील, अपील कर्ता द्वारा या उसके द्वारा विविवत प्राधिकृत एजेंट द्वारा उपाध्यक्ष, परिषद को प्रस्तुत की जाएगी|

(6) अपील ज्ञापन पर पांच रु० की कोर्ट फीस, स्टेम्प, लगाई जाएगी| उपाध्यक्ष पार्टियों को अपनी बात कहने का उचित अवसर देने के बाद उचित समय-सीमा में परिषद की एक तरफ से अपील का निर्णय करेगा| उपाध्यक्ष, परिषद का निर्णय अंतिम और निर्णायक होगा|

(7) प्रत्येक विपणन समिति सभी विवादों का पूर्ण रिकॉर्ड रखेगी|

30. तौल

(1) परिषद प्रत्येक बाजार क्षेत्र में बैग, अर्धबैग या एक पल्ली या डिब्बे में भरे जाने वाले कृषि उत्पादन की पैकिंग इकाई का निश्चित मानक निर्धारित करेगी|

(2) कोई भी व्यक्ति उपनियम (1) के अंतर्गत निर्धारित मानकों के अतिरिक्त, कृषि उत्पाद के यूनिटों की पैकिंग नहीं करेगा या करवायेगा अतार्थ निर्धारित वजन की ही पैकिंग होगी|

(3) पैकिंग यूनिट के संबंध में बाजार में किए जाने वाले सभी लेनदेनों के संबंध में यह माना जायेगा कि वह उप नियम (1) के अंतर्गत निर्धारित मानकों के अनुसार ही किए जा रहे हैं|

(4) बाजार क्षेत्र में कृषि उत्पाद के ढेर की तुलाई पूरी होने पर तुरंत, अनुबंध की कोई भी पार्टी ढेर में से 10% पैकिंग यूनिटों या दो पैकिंग यूनिटों, जो भी अधिक हो, की परीक्षण-तौल करा  सकती है| परीक्षण जाँच तुलाई के स्थान पर ही की जाएगी और यदि कोई परीक्षण-तौल नहीं की जाती है तो यह माना जायेगा कि उत्पाद का वजन ठीक तरह से किया गया है|

(5) उप नियम (4) के अंतर्गत तुलाई, अनुबंध की दोनों पार्टियों की उपस्थिति में की जाएगी| यदि कोई पार्टी समिति के सचिव या परिषद के किसी उस कर्मचारी को जो निरीक्षक के पद से कम न हो, तथा मौके पर उपलब्ध हो, को लिखित रिपोर्ट कर सकती है, जो की रिपोर्ट के औचित्य से संतुष्ट होने के बाद अपनी उपस्थिति में या उसके द्वारा प्राधिकृत समिति के किसी अन्य पदाधिकारी की उपस्थिति में वजन की जांच करायेगा और उस वजन का जांच परिणाम अंतिम और निर्णायक होगा और दोनों पार्टियों को मानना होगा|

(6) किसी बाजार क्षेत्र से क्रय-विक्रय अनुबंध के अनुसरण में तौले गए कृषि उत्पाद को तौल के स्थान से हटने से पहले समिति का अध्यक्ष या सचिव या उन दोनों में से किसी के द्वारा प्राधिकृत समिति का कोई कर्मचारी या परिषद का निरीक्षण-अधिकारी स्वयं को इस बात से संतुष्ट करने के लिए कि उसका वजन ठीक तौला गया है या उपनियम (1) के अंतर्गत निर्धारित मानकों के अनुसार भरा गया है, तो वह किसी समय भी बिना किसी पूर्व सूचना के उस वजन की जांच समिति द्वारा रखे गए माप-तौल उपकरणों की सहायता से या किसी अन्य एजेंसी द्वारा रखे गए उपकरणों द्वारा खरीददार और विक्रेता की उपस्थिति में और यदि उनमें से कोई एक  या दोनों ही अपनी उपस्थिति से बचें तो वहां उपस्थित किन्हीं दो व्यक्तियों की उपस्थिति में वजन (तौल) की जांच कर सकता है|

(7) यदि उपनियम (6) के अंतर्गत की गई जांच के अनुसार तौल गलत पाई जाती है तो जांच करने वाला व्यक्ति ढेर का फिर से वजन करने का आदेश दे सकता है| दुबारा तौलने का खर्च खरीददार द्वारा दिया जाएगा यदि वह उपनियम (1) के अंतर्गत के निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं भरा गया है और यदि उसमें कोई अन्य कमी पाई जाए तो उसका खर्च संबंधित तौला द्वारा दिया जाएगा| ये आदेश अंतिम होंगे और खरीददार या तौला, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा इनका तुरंत पालन किया जायेगा| इस अधिनियम के लागू होने का अधिनियम, या नियम या उपविधियों के अंतर्गत दी जाने वाली किसी अन्य सजा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा|

31. तौल उपकरणों बाटो का उपयोग, उनका निरीक्षण और जब्ती

(1) केवल वे ही मापतौल उपकरण प्रयोग में लाए जाएंगे जो ऐसे तौल और माप की आवश्यकताओं का पूरा करें तथा बाजार क्षेत्र में कृषि उत्पाद का वजन करने या मापने के लिए, तौल और माप (प्रवर्तन) अधिनियम 1985 जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में लागू है तथा उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों द्वारा निर्धारित मानकों का ही प्रयोग किया जाएगा|

परंतु बाजार क्षेत्र के मुख्य बाजार और सहायक बाजार में कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय के लिए केवल बीम स्केल (कांटे) या प्लेटफार्म कांटे का ही प्रयोग किया जाएगा|

(2) प्रत्येक समिति बाजार में एक क्विंटल की क्षमता वाला कम से कम एक तौल उपकरण (कांटा) दो बाटों के सेट सहित रखेगी और जिन स्थानों पर मापक का प्रयोग होता है वहां मापक के दो सेट तौल और माप मानक (प्रवर्तन) अधिनियम, 1985 और उनके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के अनुसार सत्यापित और मोहर लगे हुए रखे जाएंगे| समिति उक्त अधिनियम और नियमों की आवश्यकताओं के अनुसार नियुक्त की गई एजेंसी द्वारा एक वर्ष में एक बार इन कांटों और मापकों की जांच और प्रमाणित करवायेगी|

(3) किसी समिति का सचिव इस नियम के अंतर्गत रखे जाने वाले माप-तोल के साधनों की तुलना में किसी व्यक्ति को उसके कब्जे में रखे हुए तौल और माप के साधनों की निशुल्क जांच की अनुमति देगा|

(4) एक समिति द्वारा इस नियम के अंतर्गत रखे गए वजन करने वाले उपकरण और बट्टों आदि का निरीक्षण परीक्षा और जांच परिषद अध्यक्ष या उपाध्यक्ष द्वारा या किसी अन्य अधिकारी द्वारा जो विपणन अधिकारी से नीचे पद का न हो, किसी समय भी जा सकती है| निरीक्षण के बाद निरीक्षण प्राधिकारी ऐसे निर्देश दे सकता है जो वह उचित समझे| समिति ऐसे निर्देशों का पालन करेगी|

(5) परिषद या समिति के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष और परिषद द्वारा अपनी तरफ से प्राधिकृत कोई व्यक्ति किसी भी समय बिना किसी पूर्व सूचना के किसी लाइसेंस धारक द्वारा रखे गए और प्रयोग में लाए जाने वाले तौल उपकरणों, बट्टों का निरीक्षण, जांच और परीक्षा कर सकता है, और प्रत्येक लाइसेंस धारक आवश्यकतानुसार अपने पास रखने वाले माप उपकरणों और बट्टों को निरीक्षण, जांच या परीक्षा करने के हकदार व्यक्ति के समक्ष प्रस्तुत करने को बाध्य होगा|

(6) उपनियम 5 के अंतर्गत, तौल उपकरण या बट्टों की परीक्षा और जांच के लिए प्राधिकृत व्यक्ति को ऐसा करते समय निम्नलिखित शक्तियां प्राप्त होगी:-

(क) किसी विवादास्पद तौल और माप के साधन या बट्टे अथवा उपकरणों को जब्त करना या कब्जे में करना;

(ख) ऐसे तौल और माप के साधनों या उपकरणों द्वारा बेची गई या वितरित की गई या बिकवाई गई या विपरीत करवाई गई वस्तुओं व उपकरणों को उनसे संबंधित किसी दस्तावेज या रिकार्ड सहित जब्त करना या कब्जे में लेना;

(ग) किसी ऐसे स्थान पर प्रवेश करना जहां बट्टे या माप-तौल के उपकरणों का व्यापार कार्य के लिए प्रयोग किया जाता हो या व्यापार या वाणिज्य में प्रयोग में लाने के लिए रखे गए हों और ऐसे माप-तौल के साधनों और उपकरणों का निरीक्षण; और

(घ) किसी व्यापारी या कर्मचारी या व्यापारी के एजेंट से निरीक्षण के लिए ऐसे बट्टों या माप-तौल के साधनों अथवा उपकरणों को निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करने को कहना जिनका उसके द्वारा प्रयोग किया जाता है या जो उसके कब्जे में हो या जो व्यापार में प्रयोग करने के लिए किसी स्थान पर रखे गए हो|

32.नियमों की संरचना और माप-तौल संबंधी विवाद

(1) अधिनियम की धारा 74 के प्रावधान की शर्तों के अंतर्गत जब कोई विवाद उत्पन्न होता है तो विवाद से संबंधित किसी पार्टी के अनुरोध पर सभी सूचनाओं और आधारों (कारणों) को समिति के सचिव के ध्यान सहित, निदेशक द्वारा उस निर्णय के लिए नियंत्रक. माप-तौल, राष्ट्रीय क्षेत्र दिल्ली सरकार को भेजा जाएगा|

(2) उपयुक्त नियम (1) के अंतर्गत यदि कोई पार्टी नियंत्रक के निर्णय से सहमत न हो तो वह उस निर्णय/आदेश की प्राप्ति पर सात दिन के अंदर उसके विरुद्ध उपराज्यपाल को अपील कर सकती है|

(3) अपील ज्ञापन के रूप में होगी व उस पर दस रूपये की कोर्ट फीस लगाई जाएगी तथा उसमें तथ्यों का संक्षिप्त विवरण, अपील के कारण (आधार) और आदेश/निर्णय की एक प्रति भी संलग्न की जाएगी तथा यह निदेशक को प्रस्तुत की जाएगी|

(4) अपील का निर्णय, उपराज्यपाल या उनके द्वारा अपनी तरफ से प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पार्टियों को सुनवाई का अवसर देने के बाद किया जाएगा|

33. तौल-सेतु, मापक यार्ड और तौल या माप के प्रमाण पत्र

(1) समिति बाजार में और उसके बाहर, इसके उपनियमों द्वारा निर्धारित फीस के भुगतान पर कृषि उत्पाद को तौलने के लिए तौल-सेतु लगा सकती है|

(2) जिन स्थानों पर किसी उत्पाद का वजन करने के बजाए उसको मापने की परंपरा है वहां समिति इस कार्य के लिए बाजार के अंदर या बाहर स्थान नियत कर सकती है और ऐसे उत्पाद को उपनियमों द्वारा निर्धारित फीस के भुगतान पर मापने की व्यवस्था कर सकती है|

(3) समिति ऐसे तौल-सेतु या मापक यार्ड के उचित रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी और उसके उपनियमों द्वारा निर्धारित फार्म में, स्थिति अनुसार नि:शुल्क तौल या माप प्रमाण-पत्र जारी करेगी|

(4) उपयुर्क्त उपनियम (3) के अंतर्गत जारी प्रमाण-पत्र, अधिसूचित बाजार क्षेत्र में व्यापार करने वाले सभी व्यक्तियों द्वारा अंतिम रूप से स्वीकार होगा जब तक की समिति अध्यक्ष या उसके प्राधिकृत प्रतिनिधि की संतुष्टि के अनुसार वह सिद्ध ना हो जाए की तौल या माप गलत तौल-सेतु या मापक यार्ड पर किया गया है या वह गलत बट्टों द्वारा तथा गलत तराजू पर तौला गया है|

34. कृषि उत्पादन में मिलावट की रोकथाम

(1) कोई व्यक्ति कृषि उत्पाद में मिलावट नहीं करेगा ना ही उसे रखेगा या मिलावट किए हुए कृषि उत्पाद को बाजार क्षेत्र में बिक्री के लिए प्रस्तुत करेगा|

(2) यह समिति की ड्यूटी होगी कि वह बाजार क्षेत्र में कृषि उत्पाद की मिलावट को रोके| समिति-अध्यक्ष या सचिव ऐसी मिलावट के रोकने या निरुतसाहित करने के लिए अपनी शक्ति (अधिकार क्षेत्र) के अंदर सभी या कोई आवश्यक कदम उठा सकता है|

स्पष्टीकरण - इस नियम के उद्देश्य से कृषि उत्पाद की मिलावट में घटिया उत्पाद को बढ़िया उत्पाद में मिलाना, विभिन्न किस्मों या कोटी के समान को एक साथ मिलाना, कृषि उत्पाद को छानने के बाद शेष बचे भाग को कृषि उत्पाद में मिलाना, उसमें मिट्टी, कूड़ा और पत्थर या कोई भी भारी पदार्थ मिलना शामिल होगा|

35. कृषि उत्पादन का श्रेणीकरण (ग्रेडिंग) और मानकीकरण

(1) विपणन- समिति बाजार में बेचे गए अधिसूचित कृषि उत्पाद का एक मानक नमूना सेट विक्रेताओं और खरीदारों के प्रयोग के लिए रखेगी और आवश्यकतानुसार समय-समय पर उसे बदलेगी| विपणन समिति विक्रेताओं और खरीददरों की सूचना के लिए कृषि उत्पाद के विभिन्न श्रेणी के नमूने रखना और प्रदर्शित करने की भी व्यवस्था करेगी और साथ ही आवधिक व महत्वपूर्ण बाजारों में प्रचलित दरों के आधार पर उनके तुलनात्मक मूल्यों का निदर्शन भी करेगी|

(2) विपणन समिति :-

(क) उपाध्यक्ष, परिषद द्वारा समय-समय पर उल्लिखित अधिसूचित कृषि उत्पाद के श्रेणिकरण का कार्य कर सकती है; और

(ख) मिलावट को रोकने के लिए बाजार क्षेत्र में कृषि उत्पाद-संसाधन का पर्यवेक्षण कर सकती है|

36. अनुषंगिक, बाजार सेवा, तुलाई और कृषि उत्पाद वितरण फीस

(1) लाइसेंस धारक कमीशन, एजेंटों, आढतियों, तौल माप करने वालों, सर्वेक्षकों, गोदाम में काम करने वालों, पल्लेदारों, ट्रांसपोर्टरों और कृषि उत्पाद के क्रय-विक्रय से संबंधित कार्य करने वाले अन्य व्यक्तियों को देय फीस वह होगी जो समिति की उपविधियों में उल्लिखित की जाए|

(2) अधिनियम की धारा 80 की उपधारा (2) के खंड (ii) के अंतर्गत कृषि उत्पाद की तुलाई और उसके वितरण के संबंध में देय फीस वह होगी जो समय-समय पर सरकार द्वारा तय की जाए|

37(I) विपणन समिति द्वारा कुछ मामलों में (सहायता) प्रदान करना

सरकार या परिषद को देय संपूर्ण राशि का भुगतान करने के बाद विपणन समिति, अधिनियम की धारा 55 की शर्तों के अधीन और इन नियमों अन्य सब प्रावधानों के अनुसार उपाध्यक्ष, परिषद की पूर्व स्वीकृति से अपने अधिकार में रखे निधि में से (खर्च की) अनुमति प्रदान करेगी:-

(क) बाजार संस्थापित करने के लिए किसी अहाते या भवन के रखरखाव या विकास के लिए;

(ख) बाजार के उद्देश्य से आवश्यक निर्माण और मरम्मत और अन्य निर्माण के लिए;

(ग) बाजार में विकास कार्य और सुविधाएं प्रदान करने के लिए;

(घ) बाजार का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य, सुविधा और सुरक्षा के लिए;

(च) विपणन समिति के सेवकों या बाजार क्षेत्र में कृषकों के हित में कल्याणकारी गतिविधियों के लिए;

(छ) घोषित/अधिसूचित कृषि उत्पाद के प्रचार और विकास के लिए;

(ज) विविध खर्चों के लिए, जो उसकी एक वर्ष की कुल आय के एक प्रतिशत से अधिक न हो तथा ऐसा खर्चे एक समय में दस हजार रूपये से अधिक न हो;

(झ) बाजार क्षेत्र में घोषित/अधिसूचित कृषि उत्पाद कार्य को अधिक कुशलता प्रदान करने वाली गतिविधियों के लिए;

(त) विपणन समिति के स्वामित्व वाली, नष्ट होने वाली संपत्ति जिसमें बेकार स्टॉक, फर्नीचर, फिक्सचर, मशीनरी और अन्य वस्तुएं शामिल है|

(II) विपणन समिति के कर्तव्य (ड्यूटी)

विपणन समिति, उपाध्यक्ष, परिषद या उसके द्वारा विधिवत प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा वांछित सभी सूचनाए देगी| अधिनियम, नियम और उनके अंतर्गत बनाई गई उपविधियों द्वारा निर्धारित ड्यूटीज के अतिरिक एक विपणन समिति निम्न बातों के लिए भी उत्तरदायी होगी:-

(क) अपने अधिकारियों द्वारा की जाने वाली सभी प्राप्तियां और अदायगियों को ठीक तरह से जांच करना;

(ख) बाजार निधि से आदेय (भुगतान किए जाने वाले) सभी कार्य का ठीक निष्पादन;

(ग) अपने कार्यालय में अधिनियम, नियमों और उनके अंतर्गत जारी अधिसूचनाओं और उपनियमों की एक प्रति नि:शुल्क निरीक्षण के लिए रखना;

(घ) विपणन समिति की कार्य कुशलता को बढ़ाने के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यों को करना जो इसके लिए आवश्यक हो|

(III) विपणन समिति द्वारा निर्धारित तिथि पर कोई सूचना या विवरण देने में असफल रहने पर उपाध्यक्ष, परिषद, विपणन समिति को उचित नोटिस देने के बाद अपने अधीन काम करने वाले किसी व्यक्ति को, विवरण या विवरणों को तैयार करने और इसे उनको या उसको (उपाध्यक्ष) प्रस्तुत करने के लिए नियुक्त कर सकता है| समिति-अध्यक्ष और सचिव, उस व्यक्ति को विवरण या विवरणों को तैयार करने के लिए आवश्यक सभी सूचनाए देंगे| ऐसा विवरण या सूचना प्राप्त करने के लिए परिषद द्वारा किया गया खर्च विपणन समिति द्वारा वहन किया जायेगा और यह विपणन समिति से वसूली योग्य होगा|

अध्याय – V

बाजार-शुल्क की उगाही और वसूली

38. कृषि उत्पाद की बिक्री पर फीस (शुल्क) की उगाही या वसूली

(1) विपणन समिति की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सरकार द्वारा, अधिनियम की धारा 62 के अंतर्गत निर्धारित बाजार फीस की राशि कमीशन एजेंट द्वारा या अन्य प्रकार से खरीददार से वसूल करे| यदि यह कमीशन एजेंट द्वारा वसूल की जाती है तो वह धारा 65 और अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए उपनियमों के प्रावधानों के अनुसार फीस देगा|

(2) जहां कृषि उत्पाद कमीशन एजेंट के माध्यम से नहीं खरीदा या बेचा जाता है वहां बाजार-फीस व्यापारी द्वारा दी जाएगी|

(3) धारा 62 के अंतर्गत उगाही गई फीस और अधिनियम की धारा 80 की उपधारा (2) के खंड (ii) के अंतर्गत कृषि उत्पाद की तुलाई और उसकी सुपुर्दगी के संबंध में देय फीस, फीस प्राप्त करने के लिए पूर्ण रूपेण प्रधिकृत, समिति-अधिकारी को, लेन देन के दिन या अगले कार्य दिवस को समिति द्वारा निर्धारित समय के अंदर दी जाएगी|

(4) उपयुक्त अधिकारी द्वारा, उक्त फीस की अदायगी करने वाले व्यक्ति को उसी समय फॉर्म के में रसीद दी जाएगी|

(5) समिति द्वारा फीस की वसूली के लिए नियुक्त प्रत्येक अधिकारी या कर्मचारी के कार्यालय-बैज (बिल्ला) उस रूप में दिया जाएगा जैसा कि इसके द्वारा निर्धारित किया गया हो| अपनी ड्यूटी करते समय संबंधित अधिकारी या कर्मचारी द्वारा वह बैज लगाया जाएगा|

(6) उसी बाजार क्षेत्र में उस अधिसूचित कृषि उत्पादन के संबंध में बाजार फीस फिर से नहीं लगाई और वसूल की जायेगी जिसके लिए वह फीस पहले लगाई और वसूल कर ली गई हो|

(7) इस नियम के उद्देश्य से, अधिसूचित कृषि उत्पादन की बिक्री एक बाजार क्षेत्र में की गई मानी जायेगी:-

(क)  यदि इसे बाजार या बाजार क्षेत्र में छोड़ा गया हो, जब तक की इसके विपरीत सिद्ध न हो जाए;

(ख) यदि उसकी बिक्री का समझौता उक्त क्षेत्र में हुआ हो; या

(ग) यदि बिक्री समझौते के अनुसरण में उक्त क्षेत्र में कृषि उत्पाद का वजन किया गया हो; या

(घ) यदि बिक्री समझौते के अनुसरण में कृषि उत्पादन उक्त क्षेत्र में खरीददार या उसकी सब तरफ से किसी अन्य व्यक्ति को सोपा गया हो; या

(च) यदि उपनियम (7) में वर्णित निर्णय के अनुसार किसी लेनदेन के मामले में दो या अधिक बाजार सीमाएं आती हो अर्थात वह लेनदेन दो या अधिक बाजार क्षेत्र की सीमा में निष्पादित हुआ तो बाजार फ़ीस उस समिति को देय होगी, जिसके अधिकार क्षेत्र में बिक्री समझौते के अनुसरण में कृषि उत्पाद को तौला गया हो और यदि कोई तुलाई नहीं की गई हो तो उस समिति को फीस देय होगी जिसके अधिकार क्षेत्र में कृषि उत्पाद की सुपुर्दगी की गई हो|

39. लेनदेन (व्यापार) और फीस का खाता रखा जाएगा

(1) प्रत्येक लाइसेंस धारक कमीशन एजेंट एल फॉर्म में अपना विवरण लेनेदेने के दिन या उससे अगले दिन या उपनियम में उल्लिखित तिथि को समिति को प्रस्तुत करेगा जिसमें किसी उत्पाद के प्रत्येक सौदे की खरीद और बिक्री को दर्शाया जायेगा|

परंतु उस डीलर (व्यापारी) के मामले में जो केवल फलों और सब्जियों का ही कार्य करता है, वह आवश्यक नहीं होगा कि फॉर्म एल में उस व्यक्ति का विवरण भरा जाए जिसे एक क्विंटल से कम फल या सब्जियाँ बेची गई है या जिनका मौद्रिक मूल्य पांच सौ रूपये से कम है, दोनों में से जो कम हो;

इसमें आगे शर्त यह है कि एक कमीशन एजेंट जो समिति को फॉर्म जे की एक प्रति भेजता है उसे विपणन समिति को फॉर्म एल भेजने से छूट प्राप्त होगी और खरीददार फॉर्म एल में केवल प्रत्येक विक्रेता से खरीदी गई प्रत्येक वस्तु के संबंध में उसकी कुल मात्रा और कुल मूल्य दर्शायेगा|

(2) समिति, व्यापारियों द्वारा की गई कुल खरीद और बिक्री और उनसे वसूल की जाने वाली व वसूल की गई फीस के दर्शाने वाला एक रजिस्टर रखेगी|

(3) यदि कोई व्यापारी या कमीशन एजेंट उपनियम (1) में निर्धारित किसी अवधि का विवरण प्रस्तुत करने में असफल रहता है या विपणन समिति के पास ऐसा मानने के कारण है कि वह विवरण ठीक नहीं है तो वह संबंधित व्यापारी या कमीशन एजेंट को फॉर्म एम में नोटिस देने के बाद किसी अधिकारी को पूछताछ करने के लिए प्राधिकृत कर सकती है और ऐसी जांच करने के बाद वह अधिकारी जो आवश्यक समझे, वह मामला प्रसंगाधीन अवधि में व्यापारी या कमीशन एजेंट द्वारा व्यापार राशि के मूल्यांकन की कार्यवाही के लिए समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा|

(4) यदि कोई व्यापारी/आढती या कमीशन एजेंट नियमित रूप से विवरण जमा कराने में चूक करता है या यदि समिति की राय में वह नियमित रूप से गलत विवरण प्रस्तुत करता है तो समिति उस व्यापारी/ आढती या कमीशन एजेंट के खातों का निरीक्षण करने का आदेश दे सकती है|

(5) उपनियम (4) के अंतर्गत आदेश जारी करने के बाद समिति यथा स्थिति व्यापारी या कमीशन एजेंट को निरीक्षण के लिए निर्धारित तिथि और स्थान की सूचना देगी|

(6) समिति उपनियम (4) और (5) के अंतर्गत जारी निरीक्षण-आदेश को पूरा करने के लिए, अपने सदस्यों में से एक या अधिक सदस्यों को प्राधिकृत कर सकती है| ऐसे सदस्य या सदस्यों को समिति के सचिव या समिति के उन कर्मचारियों द्वारा सहायता प्रदान की जायेगी जो इस कार्य के लिए नियुक्त किए गए हों|

(7) ऐसे सदस्य या सदस्यों द्वारा निरीक्षण करने के बाद विवरण तैयार किया जाएगा या पहले से प्रस्तुत विवरण में, व्यापारी के खाते बही में दिखाए गए लेन-देन के आधार पर संशोधन किया जाएगा और मूल्यांकन के बाद समिति उपनियमों में उल्लिखित नियम के अनुसार फीस की उगाही कर सकती है| यदि लेखा पुस्तकें अविश्वसनीय बताई जाए या विवरण की ठीक तैयारी या संशोधन के लिए पर्याप्त सामग्री न प्रदान की गई हो या ऐसी पुस्तकें तैयार न की गई हो या प्रस्तुत न की गई हो तो समिति उपलब्ध सूचना के आधार पर या श्रेष्ठ निर्णय के आधार पर व्यापारी के कार्य-व्यापार की राशि का निर्धारण कर सकती है|

परंतु ऐसे निर्धारण को अंतिम रूप देने से पूर्व, संबंधित कमीशन एजेंट को यह बताने का उचित अवसर दिया जाएगा कि इस निर्धारण को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया जाना चाहिए|

(8) विवरण जमा करने में गलती का आदि या गलत विवरण प्रस्तुत करने का आदी होना, लाइसेंस निलंबित या रद्द करने या उसके नवीकरण से मना करने के लिए पर्याप्त आधार होगा और इस नियम का प्रावधान उस कार्यवाही के अतिरिक्त और उससे प्रभावित हुए बिना लागू हो जो अधिनियम या इन नियमों, या उपविधियों या समिति के आदेश द्वारा किसी व्यापारी की कोई ड्यूटी लगाई हो तो उसके अनुपालन न करने यह गलत अनुपालन करने के लिए किसी अन्य नियम, खंड या अन्य प्रकार से लागू हो|

(9) उपनियम (7) और (8) के अंतर्गत किए गए निर्धारण की सूचना संबंधित कार्यकर्ता को फॉर्म एन में दावा (मांग) नोटिस द्वारा दी जाएगी और उसके द्वारा लिखित आवेदन करने और समिति को निर्धारित प्रतिलिपि फीस देने के बाद निर्धारण आदेश की प्रति उसे दी जा सकेगी|

(10) प्रतिलिपि समिति-कार्यालय में तैयार की जाएगी और सचिव या उसकी अनुपस्थिति में अध्यक्ष द्वारा इसकी तरफ से नियुक्त व्यक्ति द्वारा उसका ठीक होना प्रभावित किया जाएगा| ऐसे प्रमाण पत्र पर आवेदन-प्राप्ति, प्रतिलिपि तैयार करने और आवेदक को देने की तिथियां दी जाएगी और वह इन तिथियों के यथातथ्य होने का निर्णायक प्रणाम होगा|

(11) उपयुक्त उपनियम (7) और (8) के अंतर्गत निर्धारित की गई बाजार फीस में से, यदि कोई पहले दी गई राशि हो तो वह काम करके शेष राशि कमीशन एजेंट द्वारा निर्धारण आदेश की प्राप्ति-तिथि से 15 दिन के अंदर दी जाएगी|

(12) यदि कोई कमीशन एजेंट उपनियम (11) द्वारा अपेक्षित बाजार फीस की राशि देने में असफल रहता है तो वह देय बाजार फीस के अतिरिक्त उस देय राशि पर 2% प्रतिमाह साधारण ब्याज देगा, यह ब्याज विवरण सस्तुत करने की अंतिम तिथि से तुरंत बाद उपनियम (7) और (8) के अंतर्गत किए गए निर्धारण की तिथि तक देय होगा तथा उसके बाद वसूली तक इसकी दर 3% प्रति माह होगी|

40. अपील प्रक्रिया

(1) यदि कोई कमीशन एजेंट नियम 39 के उप नियम (7) और (8) के साथ पठित धारा 66 के अंतर्गत किए गए निर्धारण से व्यथित है तो वह उसे आदेश की प्राप्ति पर 30 दिन के अंदर सभी दस्तावेजों और अपील करने के कारणों को स्पष्ट करने वाले ज्ञापन सहित निदेशक को अपील कर सकता है और उस पर दस रुपये की कोर्ट फीस लगाई जायेगी|

(2) निदेशक अपील पर विचार करेगा और अधिनियम की धारा 67 के प्रावधान के अनुरूप, उचित समय सीमा में आदेश पर जारी करेगा जो की अंतिम होगा तथा वह कमीशन एजेंट और विपणन समिति दोनों पर अनिवार्य रूप से लागू होगा|

41.  लाइसेंस धारक के खातों का निरीक्षण

बाजार क्षेत्र के अंदर काम करने वाला प्रत्येक लाइसेंस धारक और नियम 20 के अंतर्गत लाइसेंस लेने से छूट प्राप्त व्यक्ति, समिति के सचिव या अध्यक्ष या परिषद, उपाध्यक्ष द्वारा अपनी तरफ से प्राधिकृत परिषद के किसी अधिकारी द्वारा मांग करने पर अपने खाते निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करेगा| सभी या कोई फॉर्म या उसके द्वारा बिक्री, खरीद, भंडारण, परिवहन या अधिसूचित कृषि उत्पाद संसाधन, जो उसके पास हैं और उसके कार्यालय, संस्था-गोदाम, वाहन से संबंधित लेखा पुस्तकें, उस समय और स्थान पर प्रस्तुत करेगा जैसा कि उसके द्वारा करना अपेक्षित हो और यदि आवश्यक हो तो किसी निरीक्षण अधिकारी को उक्त फॉर्म या पुस्तकों में से कोई या सभी, रसीद लेकर सौंप देगा|

42. निर्धारित फार्मो का परीक्षण (सुरक्षित रखना)

जे और एल फार्मों के प्रतिवर्णों (काउंटर फाइल) को संबंधित व्यापारी द्वारा, फार्म जारी होने की स्थिति से दो वर्ष की अवधि तक सुरक्षित रखा जायेगा|

अध्याय-VI

विविध

43. खाते प्रस्तुत करने का आदेश देने की शक्ति, प्रवेश, निरीक्षण, वाहनों को जप्त करने और रोकने की शक्ति

(1) धारा 17, 56, 57 और 58 के प्रावधानों की शर्तों के अनुसार परिषद का कोई अधिकारी जो सचिव, विपणन समिति के पद से नीचे न हो तथा इसकी तरफ से प्राधिकृत हो, लिखित रूप में किसी व्यक्ति को उसके द्वारा रखी गई किताबें (बही खाते) और अन्य दस्तावेज अपने सामने प्रस्तुत करने के लिए कह सकता है और खरीद, बिक्री भंडारण या अधिसूचित कृषि उत्पाद के संसाधन से संबंधित कोई सूचना देने और उसके द्वारा बाजार फीस के भुगतान संबंधी सूचना, जो भी आवश्यक हो, देने के लिए कह सकता है|

(2) किसी व्यक्ति द्वारा रखे गए सभी खाते में रजिस्टर और खरीद, बिक्री या कृषि उत्पाद के संसाधन जो उसके पास हो हैं, से संबंधित दस्तावेज और उसका कार्यालय, प्रतिष्ठान, गोदाम या वाहन, उपनियम (1) में प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के लिए सभी उचित समय पर खुले रहेंगे|

(3) यदि ऐसे अधिकारी के पास यह मानने के कारण है कि किसी व्यक्ति ने उसके द्वारा देय बाजार फीस देने में टाल मटोल की है या टाल मटोल करने का प्रयास कर रहा है या किसी व्यक्ति ने बाजार क्षेत्र में लागू अधिनियम, नियम या उपविधियों के प्रावधानों के विपरीत अधिसूचित कृषि उत्पाद खरीदा है तो वह उन कारणों को लिखित में रिकॉर्ड करके ऐसे व्यक्तियों के ऐसे खाते, रजिस्टर या दस्तावेज जब्त कर सकता है जो आवश्यक हो, वह उनके लिए रसीद देगा और वह इनको केवल तब तक ही अपने पास रखेगा जब तक की उसकी जांच के लिए आवश्यकता हो या संबंधी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए उसकी आवश्यकता हो

(4) यदि वह अधिकारी उपाध्यक्ष, परिषद का अधीनस्थ है तो तुरंत इस जब्ती की रिपोर्ट उपाध्यक्ष को करेगा|

(5) किसी भी समय जब निदेशक या परिषद के किसी अधिकारी द्वारा जो विपणन समिति के सचिव के पद से नीचे न हो, ऐसा करना अपेक्षित हो तो. चालक या किसी वाहन का प्रभारी कोई अन्य व्यक्ति पात्र या अन्य वाहन के बाजार क्षेत्र से बाहर ले जाया जा रहा है या प्रस्तावित रूप से बाहर ले जाया जाना है, वाहन या अन्य सवारी जैसी भी स्थिति हो को रोकेगा और जब तक आवश्यक हो उसे रोके रखेगा और उस वाहन या सवारी में ले जाए जाने वाले सामान कृषि उत्पाद की जांच उस अधिकारी को करने देगा और उस कृषि उत्पाद से संबंधित सारा रिकॉर्ड दिखायेगा और अपना व वाहन स्वामी का नाम पता व उस वाहन या अन्य सवारी में ले जाए जाने वाले कृषि उत्पाद के स्वामी का भी नाम, पता बतायेगा|

44. समझौता

(1) समझौते द्वारा वसूली गई राशि उस राशि के अतिरिक्त होगी जो अधिनियम या इन नियमों या उपनियमों के अंतर्गत दोषी द्वारा देय है|

(2) बाजार फीस के देरी से भुगतान के मामले में यदि अध्यक्ष, समिति इस बात से संतुष्ट हो कि ऐसा अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण हुआ जो सम्बंधित व्यक्ति की पहुंच से बाहर है तो वह इस किए गए उल्लंघन को माफ कर सकता है बढ़ सकता है:

बशर्त बाजार फीस समिति के पास लेनदेन के दिन से चार दिन के अंदर जमा कर दी गई हो|

45. जुर्माने

विपणन समिति या इसका सचिव, इसके उपनियमों के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने के लिए किसी व्यक्ति पर जुर्माना करने का आदेश दे सकता है, यह जुर्माना पांच हजार रूपये तक हो सकता है:

परंतु किसी व्यक्ति पर कारण बताने का अवसर दिए बिना कोई जुर्माना नहीं किया जायेगा|

46. खरीददार द्वारा देय ब्याज

अधिनियम की धारा 116 की उपधारा (3) के प्रावधान की शर्त के अनुसार यदि कोई खरीददार अधिनियम की धारा 61 की उपधारा (6) के अंतर्गत अपेक्षित, निविदाकार को तुरंत भुगतान करने में असफल रहता है तो वह निविदाकार की बिक्री तिथि से भुगतान की तिथि तक उस दर से ब्याज देगा जो की बैंकिंग संस्थानों द्वारा प्रतिभूति रहित ऋण पर निर्धारित अधिकतम दर से अधिक न हो| कृषि उत्पाद की बिक्री निविदाकार द्वारा करने की तिथि से 30 दिन के अंदर भुगतान न करने के मामले में मूलधन और उसका ब्याज विपणन समिति द्वारा खरीददार से भू राजस्व बकाया की तरह वसूली योग्य होगा|

47. प्रशासनिक रिपोर्ट

प्रत्येक विपणन समिति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में एक प्रशासनिक रिपोर्ट तैयार करेगी जिसमें प्राप्ति एवं खर्चे के खाते, संपत्ति एवं देयताओं का तुलन पत्र (बैलेंस शीट) तथा ऐसी अन्य सूचनाए होगी जो निदेशक या परिषद, उपाध्यक्ष द्वारा समय-समय पर सामान्य या विशेष आदेश जारी करके अपेक्षित हो और वह रिपोर्ट निदेशक/परिषद द्वारा उनकी तरफ से उल्लिखित अधिकारी को 30 जून को या उससे पहले प्रस्तुत की जायेगी|

48. शर्तें, जिनके अधीन एक समिति सरकार से ऋण ले सकती है और दूसरी समिति को ऋण दे सकती है

अधिनियम की धारा 72 के प्रावधानों के शर्तों के अनुसार एक विपणन समिति सरकार से या दूसरी विपणन समिति से, परिषद की पूर्व स्वीकृत से ऋण ले सकती है और दूसरी विपणन समिति को ऋण भी दे सकती है| इस प्रकार दिया गया ऋण निम्नलिखित सामान्य शर्तों द्वारा नियमित किया जायेगा:-

(1) ऋण की ब्याज सहित अदायगी के लिए एक विशेष अवधि जो यथासंभव कम से कम हो, निर्धारित की जानी चाहिए| बहुत ही विशेष मामलों में यह अवधि तीस वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है|

(2) अवधि की गणना उस तारीख से की जाएगी जिससे ऋण पूरी तरह ले लिया जाए|

(3) ऋण का भुगतान किस्तों में किया जाना चाहिए जो आमतौर पर वार्षिक आधार पर निर्धारित की जाएगी और भुगतान के निर्धारित तारीखों का हवाला करार में दिया जाएगा|

(4) निर्धारित तारीख से पहले दी गई किस्तें तब तक पूरी तरह से मूलधन के लिए ली जायेंगी जब तक की पिछली अवधि का ब्याज देना बकाया  हो|

(5) ऋण पर लिए जाने ब्याज की दर परिषद द्वारा निर्धारित की जाएगी परंतु किसी ऋण की राशि पर दिए जाने वाले दिन का ब्याज लगेगा परन्तु अदायगी के दिन का ब्याज नहीं लगेगा|

(6) जब किस्तों में ऋण लिया जाये तो इस प्रकार ली जाने वाली प्रत्येक किस्त को मूलधन की अदायगी और उस पर ब्याज की अदायगी के उद्देश्य से अलग ऋण माना जायेगा| परंतु जहां एक वित्त वर्ष के दौरान ली गई विभिन्न किस्तों को इस उद्देश्य के लिए उस विशेष वित्त वर्ष के अंत में ही एक ही ऋण में समेकित करने की अनुमति मिल गई हो तो उसे ऊपर के नियम का अपवाद माना जाएगा| इस दूसरी स्थिति में ऋण की विभिन्न किस्तों पर उनको लेने की तारीख से समेकित करने की तारीख तक के लिए निर्धारित दर पर साधारण ब्याज लगेगा जिसे ऋण लेने वाले को अदा करना पड़ेगा|

(7) सरकार द्वारा निर्धारित और अनुबंध में उल्लिखित शर्तों पर समिति सरकार से ऋण ले सकती है|

49. दस्तावेज आदि की प्रतियां

विपणन समिति या परिषद के पक्ष में आवेदन करने पर आवेदक को परिषद् या समिति या उनके अधिकारियों के निर्णयों, आदेशों या संकल्पों की प्रति, प्रत्येक पृष्ठ पर उसके भाग के लिए एक रूपये तथा न्यूनतम पांच रुपये के भुगतान पर दी जायेगी|

परंतु जहां अपील के मामलों में, रिकॉर्ड का निरीक्षण समझा आवश्यक समझा जाए, याचिका-दाता ऐसे निरीक्षण की अनुमति के लिए निदेशक, कृषि विपणन को अवेदन करेगा| और यदि निदेशक द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है तो याचिका-कर्ता उस एजेंसी को एक रूपया प्रति केस, फीस देगा जिससे ये दस्तावेज संबंध है|

50. अभिलेख (रिकॉर्ड) का परिक्षण

परिषद और विपणन समिति का निम्नलिखित अभिलेख प्रत्येक के सामने लिखी गई अवधि तक सुरक्षित रखा जाएगा:-

अभिलेख का विवरण

अवधि

1

2

बजट

5 वर्ष

सामान्य रोकड़ बही

स्थाई

स्थापना बिल

35 वर्ष

सामान्य बिल

3 वर्ष

बैलेंस शीट

10 वर्ष

लेजर

10 वर्ष

जमा राशि का रजिस्टर

स्थाई

आवेदन फॉर्म

स्थाई

अन्य आवेदन फार्म

3 वर्ष

दैनिक विवरण (फार्म एल)  

5 वर्ष लेखा परीक्षा के बाद

खरीद और बिक्री/प्राप्ति पुस्तकें

3 वर्ष

कृषि उत्पाद की बिक्री और खरीद का रजिस्टर

10 वर्ष

लाइसेंस रजिस्टर

10 वर्ष

भविष्य निधि रजिस्टर

10 वर्ष या जब तक जिससे से यह सम्बंधित है वे खाते बंद नहीं हो जाते|

कर्मचारियों की सेवा पुस्तकें

सेवानिवृत्ति या मृत्यु जो भी पहले हो; से पांच वर्ष बाद

परिषद या समिति या उपसमिति की कार्यवाही के रजिस्टर

स्थाई

पत्र व्यवहार का रजिस्टर

स्थाई

चेक बुकें

10 वर्ष

यात्रा भत्ता बिल

3 वर्ष

पट्टा विलेख (लीज डीड)

10 वर्ष प्रभाव समाप्ति की तारीख से

जमानती बांड

-वही-

ट्रेजरी चालान

3 वर्ष

अप्रदाय खाता रजिस्टर (इम्परेस्ट एकाउंट रजिस्टर)

3 वर्ष

उपस्थिति रजिस्टर

1 वर्ष

चल संपत्ति रजिस्टर

10 वर्ष

पुस्तकालय रजिस्टर

10 वर्ष

मांग और वसूली रजिस्टर

10 वर्ष

टिकट रजिस्टर

3 वर्ष

स्टॉक रजिस्टर

10 वर्ष

अदालती मामलों (कोर्ट के बिल) का रजिस्टर

10 वर्ष

निवेश रजिस्टर

स्थाई

कर्मचारियों की नियुक्ति, सेवा से हटाने और बर्खास्त करने से संबंधित फाइले

35 वर्ष

अन्य अभिलेख जिन्हें परिषद या समिति तीन साल से अधिक समय तक सुरक्षित रखने का निर्णय करें

वह अवधि (10 वर्ष से कम नहीं) जो परिषद् या समिति द्वारा निर्धारित की जाए|

51. राष्ट्रीय महत्व की विपणन समिति

यह नियम जहां तक अधिनियम के अध्याय-v के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है और जो उनमें उल्लिखित मामलों में संबंध है, वे अधिनियम की धारा 26 के अंतर्गत स्थापित राष्ट्रीय महत्व के बाजार की विपणन समिति के कार्यों के निष्पादन और कार्यान्वयन के उद्देश्य से लागू होंगे|

52. नियमों का उल्लंघन दंडनीय है

कोई व्यक्ति जो इन नियमों के किसी प्रावधान का उल्लंघन करता है या उसे भंग करता है तो वह दोष  सिद्धि पर जुर्माना सहित दंडनीय होगा तथा यह जुर्माना पांच हजार रूपये तक हो सकता है|

53. यह नियम दिल्ली कृषि उत्पाद विपणन (विनियमन) (सामान्य) नियम, 1978 का स्थान लेंगे|

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