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कृषि उत्पाद (श्रेणीकरण एवं चिहनांकन) अधिनियम, 1937

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कृषि उत्पाद (श्रेणीकरण एवं चिहनांकन) अधिनियम, 1937
(अधिनियम सं. 1937 का 1)
(1986 तक संशोधित)

 

कृषि एवं अन्य उपज के श्रेणीकरण एवं चिहनांकन का उपबंध करने वाला अधिनियम|

चूंकि कृषि एवं उपज के श्रेणीकरण एवं चिहनांकन हेतु उपबंध किया जाना आवश्यक है अतः इसे निम्न रूपेण अधिनियमित किया जाता है|

1. संक्षिप्त नाम एवं विस्तार:- (1) इस अधिनियम का नाम कृषि उपज (श्रेणीकारण एवं चिहनांकन) अधिनियम 1937 है|

(2) यह संपूर्ण भारत में लागू होगा|

2. व्याख्या:- इस अधिनियम में जब तक की विषय या संदर्भ के प्रतिकूल  हो,

(क) कृषि उपज में कृषि या उद्यान कृषि की सभी उपज ऐसी उपज से पूर्णता: या अंशत: निर्मित सभी खाद्य एवं पेय पदार्थ और जानवरों की उन एवं चमड़े अन्तविर्ष्ट हैं;

(ख़) जाली शब्द का वही अर्थ है जो भारतीय दंड संहिता (1960 का XLV) की धारा 28 में अभिप्रेत है;

(ग) अवरकके अंतर्गत बर्तन, बक्सा, टोकरा, रैपर, ट्रे या अन्य आधान शामिल है;

(घ) श्रेणीकरण अभिधान से किसी अधिसूचित वस्तु की गुणवत्ता को सूचक के रूप में विहित अभिधान अभिप्रेत है;

(ङ) श्रेणीकरण अभिधान चिहन से विशिष्ट श्रेणिकरण अभिधान के परिचायक के रूप में विहित चिहन अभिप्रेत है;

(च) किसी पदार्थ के परिप्रेक्ष्य में क्वालिटी से वस्तु की स्थिति एवं दशा अभिप्रेत है;

(छ) विहित का अभिप्राय इस अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों द्वारा विविध से है;

(च) अनुसूचित वस्तु से इस अनुसूची में शामिल की गई वस्तु अभिप्रेत है;

(झ) कोई वस्तु श्रेणी अभिधान चिह्न से चिह्ननांकित कही जाती है अगर उस पर या उसके आवरक या लेबल पर श्रेणी अभिधान चिहन लगा हुआ हो;

(ण) वस्तु गलत ढंग से श्रेणीकृत की हुई कही जा सकती है, अगर:-

 

(i) वस्तु में वह गुणवत्ता न हो जो उस पर लगे श्रेणी अभिधान के लिए विहित है;

(ii) इस अधिनियम के अंतर्गत निर्मित नियमों के अनुरूप विश्लेषण एवं श्रेणी अभिधान के निर्धारण हेतु नमूना लेने के पश्चात श्रेणीकरण हेतु दिए गए वस्तु के संघठन में किसी तरह का परिवर्तन कर दिया जाए;

(iii) वस्तु में किसी भी ढंग से अप-परिवर्तन कर दिया जाए; और

(iv) लेवल के आधार पर या विज्ञापन व अन्य माध्यमों से, इसके श्रेणी अभिधान के लिए निर्धारित गुणता का झूठा दावा करना|

3. श्रेणी अभिधानों का निर्धारण

(1) केंद्र सरकार राजपत्र में पहले अधिसूचना प्रकाशित करवाने के बाद इस अधिनियम के उपबंधों को किर्यान्वित करने के लिए नियम बना सकती है|

(2) मूल रूप से एवं पूर्ववर्ति शक्ति की व्यापकता के प्रति पूर्वाग्रह के बिना, ऐसे नियमों में निम्नलिखित सभी या किसी मामले के लिए उपबंध हो सकता है:-

(क) किसी अधिसूचित वस्तुओं की क्वालिटी को सूचित करने के लिए श्रेणी अभिधान का निर्धारण|

(ख) प्रत्येक श्रेणी अभिधान द्वारा सूचित क्वालिटी को परिभाषित करना|

(ग) विशेष श्रेणी अभिदानों के सूचक श्रेणी अभिधान चिह्नों का विशेष रूप से उल्लेख करना|

(घ) विहित किसी शर्त के अध्यधिन किसी वस्तु या उसके आधान या उसे वस्तु पर लगे लेबल पर उसके लिए निर्धारित श्रेणी अभिधान चिहन लगाने के लिए किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के निकाय को प्राधिकृत करना|

(ङ) किसी वस्तु की विपणन पद्धति, पैकिंग के ढंग तथा प्रयोग में लाए जाने वाले आवरक के प्रकार एवं वस्तु का वजन, संख्या या अन्य बातें जो प्रत्येक आवरक में शामिल की जानी होती है, सहित धारा उल्लिखित शर्तों का विशेष रूप से उल्लेख करना;

(च) श्रेणी अभिधान की प्रतिकृति के लिए आवश्यक उपकरण के निर्माण व प्रयोग या श्रेणी अभिधान चिहन से चिहनाकित किसी आवरक व लेबल के निर्माण या प्रयोग वस्तुओं के नमूनों की जांच एवं निरिक्षण सहित श्रेणी अभिधान चिहन से चिहनाकित वस्तुओं के गुण नियंत्रण के उपायों या ऐसे किसी भी इस प्रकार की वस्तुओं की बिक्री के सवर्धन हेतु किए गए प्रचार कार्य पर आए खर्च के भुगतान का प्रबंध करना;

(छ) श्रेणी अभिधान चिहन से चिह्नांकित उन वस्तुओं को जब्त करके विक्रय का प्रबंध करना जो विहित शर्तानुसार चिहनाकित न की गई हो;

(ज) अन्य मामले जिन्हें विहित किया जाना चाहिए या किए जा सकते हैं|

(3) इस धारा के अधीन बनाया गया हर नियम, बनाए जाने के पशचात यथाशक्य शीघ्र, संसद के हर एक सदन के समक्ष, उस समय जब वह सत्र में हो, कुल मिलाकर तीस दिन की कालावधी के लिए, जो एक सत्र में या दो समवर्ती सत्रों में समाविष्ट हो सकेगी, रखा जाएगा और यदि उस सत्र के लिए, जिसमें वह ऐसे रखा हो, या ठीक पश्चातवर्ती सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई उपान्तर करने के लिए सहमत हो जाए या दोनों सदन सहमत हो जाए कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात यथास्तिथि, वह नियम ऐसे उपांतरित रूप में ही प्रभावशाली होगा या उसका कोई भी प्रभाव न होगा, किंतु इस प्रकार की ऐसा कोई उपान्तर या बातिलकरण उस नियम के अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना होगा|

3.क प्रवेश, निरीक्षण एवं तलाशी करने का अधिकार

(1) केंद्र सरकार या राज्य सरकार या किसी प्राधिकरण के केंद्र सरकार द्वारा प्राधिकृत राजपत्रित स्तर या इसके समकक्ष समक्ष स्तर के अधिकारी को अगर यह लगे कि अधिसूचना या इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के किसी उपबंध का उल्लंघन किया गया या किया जा रहा है तो वह किसी उपयुक्त समय पर किसी भी भवन में प्रवेश करके उस कृषि उपज का आवश्यक निरीक्षण एवं तलाशी कर सकता है जिसके संदर्भ में ऐसा उल्लंघन किया गया है या किया जा रहा है;

(2) उपधारा (1) के तहत बनाया गया प्रत्येक प्राधिकरण दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 93 के अनुसार वारंट समझा जाएगा|

3.ख प्राधिकृत अधिकारी का कृषि उपज जब्त करने संबंधी अधिकार

(1) धारा 3क की उपधारा (1) के तहत प्राधिकृत अधिकारी उस कृषि उपज को जब्त कर या रोक सकता है जिसके संदर्भ में इस अधिनियम या इसके तहत बने नियमों के अंतर्गत अपराध कर रहा है या ऐसा प्रतीत हो या ऐसे अपराध में उसके प्रयोग की संभावना हो;

परंतु इस उपधारा के तहत जब्त कृषि उपज अगर शीघ्र या स्वाभाविक रूप से नष्ट होने वाली हो तो प्राधिकृत अधिकारी उसे यथाविहित ढंग से बेच सकता है;

(2) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 102 का उपबंध इस धारा के तहत की गई प्रत्येक जब्ती पर लागू होगा|

4. अप्राधिकृत रूप से श्रेणी अभिधान चिहन लगने के लिए दंड

धारा (3) के अंतर्गत बने नियम के अनुसार किसी अनुसूचित वस्तु को अप्राधिकृत रूप से श्रेणी अभिधान चिह्न से चिह्नांकित करने वाली को दंडस्वरूप छ: महीने तक का कारावास और पांच हजार रूपये तक जुर्माना हो सकता है|

5. जाली श्रेणी अभीधान चिहन के लिए दंड

जाली श्रेणी अभिधान चिहन का प्रयोग करना या इस निमित्त डाई, प्लेट या अन्य उपकरण रखना दंडनीय अपराध है जिसके लिए तीन वर्ष तक का कारावास एवं पांच हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है|

5.क गलत श्रेणीकृत की हुई वस्तुओं के विक्रय के लिए दंड

गलत श्रेणीकृत की हुई अनुसूचित वस्तु को बेचना दंडनीय अपराध है जिसके लिए छ: महीने तक का कारावास और पांच हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है|

5.ख कुछ वस्तुओं के संदर्भ में अनिवार्य श्रेणी अभिधान निर्धारित करने का अधिकार 

(1) अगर केंद्र सरकार की यह राय हो कि जनहित में या उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए श्रेणी अभिधान चिहन से चिहनांकित किए बिना किसी अनुसूचित वस्तु या वस्तुओं की श्रेणी को बेचा या वितरित किया जाना चाहिए तो वह राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से इस आशय की घोषणा कर सकती है;

(2) उपधारा (1) के तहत जारी की गई अधिसूचना में यह विशेष रूप से उल्लेख करें कि यह किस क्षेत्र या किन क्षेत्रों में लागू होगा;

(3) किसी क्षेत्र या क्षेत्रों के संबंध में उपधारा (1) के तहत अगर अधिसूचना जारी कर दी जाती है तो अनुसूचित वस्तु या उस वर्ग की वस्तुओं का विक्रय या वितरण केवल इस अधिनियम के उपबंधों या इसके तहत बने नियमों के तहत ही किया जाएगा;

(4) इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को छ: महीने तक के कारावास की सजा दी जाएगी एवं पांच हजार रुपए तक जुर्माना किया जाएगा|

5.ग अभियोजन संस्थान

इस अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध की सुनवाई किसी न्यायालय में तब तक नहीं होगी जब तक की इस संदर्भ में निम्नलिखित द्वारा लिखित रूप में शिकायत  की गई हो:-

(क) केंद्र सरकार या राज्य सरकार या उसके द्वारा लिखित रूप से प्राधिकृत कोई अधिकारी;

(ख) अपकृत व्यक्ति; या

(ग) मान्यता प्राप्त उपभोक्ता संघ चाहे अपकृत व्यक्ति उसे संघ का सदस्य हो या नहीं|

व्याख्या इस धारा में उल्लिखित से मान्यता प्राप्त उपभोक्ता संघ कंपनी अधिनियम, 1956 या संपत्ति मौजूदा कानून के तहत पंजीकृत स्वैच्छिक उपभोक्ता संघ अभिप्रेत है|

6. अधिनियम के विनियोग का विस्तार

प्रभावित होने के हितों को ध्यान में रखते हुए यथोचित परामर्श के बाद केंद्र सरकार राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा कर सकती है कि इस अधिनियम के उपबंध उन कृषि वस्तुओं पर भी लागू होते हैं जो अनुसूची में शामिल नहीं की गई या वह वस्तु कृषि उपज नहीं है| अधिसूचना के प्रकाशित होने के बाद ऐसी वस्तु भी अनुसूची में शामिल मानी जाएगी|

1.    कृषि उपज (श्रेणीकरण एवं चिहनांकन) अधिनियम, 1937 (1937 का अधिनियम सं०1)

2.    कृषि उपज (श्रेणीकरण एवं चिहनांकन) संशोधन अधिनियम, 1942 (1942 का अधिनियम सं०XIII)

3.    कृषि उपज (श्रेणीकरण एवं चिहनांकन) संशोधन अधिनियम, 1943 (1943 का अधिनियम सं०XX)

4.    प्रत्यायुक्त कानून उपबंध (संशोधन) अधिनियम, 1983

5.    कृषि उपज (श्रेणीकरण एवं चिहनांकन) संशोधन अधिनियम, 1986 (1986 का अधिनियम सं०76)

 

 

कृषि उपज (श्रेणीकरण एवं चिहनांकन) अधिनियम, 1937 की संलगन सूचि

(खंड 2 देखें)

 

1.

फल

 

2.

सब्जी

 

3.

अंडे

 

4.

डेरी उत्पाद

 

5.

तम्बाकू

 

6.

कॉफी

 

7.

खाल और चमड़ी

 

प्राधिकरण

8.

फल उत्पाद

भारत सरकार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि विभाग, अधिसूचना स0एफ0-57-18/39-ए, दिनांक 23 मार्च, 1939

9.

आटा

10.

तिलहन

11.

वनस्पति तेल (जिसमे हाइड्रोजिनेटिड तेल और वनस्पति वसा शामिल है|

12.

कपास

13.

चावल

14.

लाख

भारत सरकार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि विभाग, अधिसूचना स0एफ0-57-18/39-ए, दिनांक 10 अक्तूबर, 1939

15.

गेहूं

शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि विभाग, अधिसूचना स0एफ0-3-9(1)/41-ए,  दिनांक 17 मार्च, 1941

16.

जुट (सनहेम्प)

शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि विभाग, अधिसूचना स0एफ0-3-9(1)/41-ए,  दिनांक 21 अप्रैल, 1941

17.

गन्ना (गुड़)

शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि विभाग, अधिसूचना स0एफ0-3-26(5)/41-ए,  दिनांक 16 फरवरी, 1942

18.

हर्र (माईरोबलन्स)

शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि विभाग, अधिसूचना स0एफ0-4-3/42-ए,  दिनांक 11 जून, 1942

19.

बूरा

शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि विभाग, अधिसूचना स0एफ0-3-26/41-ए,  दिनांक 5 अगस्त, 1942

20.

ऊन और बकरी के बाल

कृषि मंत्रालय, अधिसूचना स0एफ0-5-18/48-स.,  दिनांक 6/13 अगस्त, 1948

21.

दृढलोम

कृषि मंत्रालय, अधिसूचना स0एफ0-4-5/50-चिह्नांकन,  दिनांक 25 नवम्बर, 1950

22.

रेजिन एवं टरपेनटाइन

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि), अधिसूचना स0एफ0-4-3/51-निदेशालय/II (एम),  दिनांक 10 मई, 1951

23.

सुपारी

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि), अधिसूचना स0एफ0-4-4/51-निदेशालय/II (एम),  दिनांक 25 मई, 1951

24.

सुगंधित तेल

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि), अधिसूचना स0एफ0-5-86/52-निदेशालय/II (एम),  दिनांक 22 जनवरी, 1954

25.

काजू गिरी

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि), अधिसूचना स0एफ0-25-1/54-निदेशालय/II,  दिनांक 22 अप्रैल, 1954

26.

इलायची

27.

काली मिर्च

28.

अदरक

 

29.

शहद

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि), अधिसूचना स0एफ0-5-31/55-ए.एम., दिनांक 14 सितम्बर,1955

30.

करी पाउडर

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि), अधिसूचना स0एफ0-5/21/55-ए.एम., दिनांक 19 जनवरी,1956

31.

सेमल की रुई

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि), अधिसूचना स0एफ0-14-48/56-ए.एम., दिनांक 31 मई,1956

32.

कच्चा जूट

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-14-45/56-ए.एम., दिनांक 11 सितम्बर, 1957

33.

धान

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-5-34/57-ए.एम., दिनांक 15 मई, 1958

34.

बाजरा

35.

मेसटा

36.

मिर्च

37.

हल्दी

38.

टैपियोका चिप्स और टैपियोका आटा

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-14-44/57-ए.एम., दिनांक 16 जून, 1958

39.

सिसल और अलॉय फाइबर

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-14-221/58-ए.एम., दिनांक 17 मार्च, 1959

40.

खली

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-5-3/50-ए.एम., दिनांक 20 जून, 1959

41.

दालें

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-14-134/60-ए.एम., दिनांक 9 नवम्बर, 1960

42.

अखरोट

43.

पशु अंतड़ियाँ (पशु भैंस, भेड़, बकरी और सुअर)

44.

ग्वार गम

45.

कराया गम

46.

सनाय की पत्ती और फली

47.

खजूर का रेशा

48.

कत्था

49.

तेंदू पत्ता

50.

सिंघाड़ा

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-17-15/63-ए.एम., दिनांक 23 जुलाई, 1963

51.

खाद्य मशरूम

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय, सी.सी. और कोआपरेटिव (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-17-22/63-ए.एम., दिनांक 11 सितम्बर, 1963

52.

खस-खस

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-17-27/63-ए.एम., दिनांक 3 अक्टूबर, 1963

53.

काजू के छिलके का तेल (तरल)

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-17/63-ए.एम., दिनांक 25 फरवरी, 1964

54.

मक्खी मोम (बी-वैक्स)

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-17-16/64-ए.एम., दिनांक 28 अगस्त, 1964

55.

चना (सिसर एरीटीनम एल.)

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-17-28/64-ए.एम., दिनांक 1 मई, 1965

56.

ज्वार (शोरगम वलगेयर पर्स)

57.

मक्का (जी मेस एल.)

58.

जौं (होरडियम वलगेयर एल.)

59.

रागी (इल्युसिन कोराकाना गेटर्न)

60.

बाजरा (पेनिसेटम टाईफ़ोडेस स्टफ और हब्बार्ड)

61.

सिकाकाई पाउडर

खाद्य एवं कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-15-28/65-ए.एम., दिनांक 4सितम्बर, 1965

62.

मीट चिकन और ड्रेस्ड चिकन मीट

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-15-7/66-ए.एम., दिनांक 17 जनवरी, 1967

63.

केसर

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-13-26/69-ए.एम., दिनांक 29 अप्रैल, 1969

64.

सोयाबीन

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-13-26/69-ए.एम., दिनांक 5/6 नवम्बर, 1969

65.

सूखी घास

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-13-18/69-ए.एम., दिनांक 8 नवम्बर, 1969

66.

भैंस के बाल

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-13-22/69-एल.ए., दिनांक 18 नवम्बर, 1967

67.

इमली और इमली के उत्पाद

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-13-30/69-एल.ए., दिनांक 14 नवम्बर, 1970

68.

संयोंजित हिंग

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-13-3/70-एल.ए., दिनांक 4 जुलाई, 1970

69.

बेसन

खाद्य एवं कृषि, सामुदायिक विकास एवं सहकारिता मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0एफ0-13-12/71-एल.ए., दिनांक 19 फरवरी, 1972

70.

पपेन

कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0-13-2/72-सी. एंड एम., दिनांक 9 सितम्बर, 1972

71.

नारियल (खोपड़ी सहित)

कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0-13-5/72-सी. एंड एम., दिनांक 21 अक्टूबर, 1972

72.

सूजी और मैदा

कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0-13-2/73- ए.एम., दिनांक 31 जनवरी, 1974

73.

चाय

कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0-13-2/73- ए.एम., दिनांक 5 अप्रैल, 1974

74.

अगर-अगर

कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0-13-9/72-ए.एम., दिनांक 21 जून, 1974

75.

ईसबगोल की भूसी

कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0-13-4/73-ए.एम., दिनांक 29 जून, 1974

76.

काकर्स मीट और उसके उत्पाद

कृषि मंत्रालय (कृषि विभाग), अधिसूचना स0-13-3/74-ए.एम., दिनांक 5 मार्च, 1975

77.

सागो

कृषि एवं सिचाई मंत्रालय (ग्रामीण विकास विभाग), अधिसूचना स0-13-15/75-ए.एम., दिनांक 27/29 नवम्बर, 1976

78.

कच्चा मांस (शीतित/प्रशीतित)

एस.ओ. 1225, दिनांक 11 अप्रैल, 1977

79.

कोकोआ बीन्स और इसका पाउडर

ग्रामीण पुननिर्माण मंत्रालय, अधिसूचना स0-10-16/81, दिनांक 16 दिसम्बर, 1981

80.

धनिया

ग्रामीण क्षेत्र एवं रोजगार मंत्रालय, सा.का.नि. 684 (ई), दिनांक 6 नवम्बर, 1998

81.

सफ़ेद जीरा

82.

सौंफ

83.

मेथी

84.

सेलरी

85.

अनीसीड

86.

बिशपवीड

ग्रामीण क्षेत्र एवं रोजगार मंत्रालय, सा.का.नि. 684 (ई), दिनांक 6 नवम्बर, 1998

87.

कारावे

88.

डील

89.

सिनामोन

90.

केसिया

91.

लहसुन

92.

करी पत्ता

93.

कोकम

94.

मिन्ट

95.

सरसों

96.

पार्सले

97.

अनारदाना

98.

केसर

99.

वनिला

100.

तेजपात

101.

पीपर लांग

102.

स्टार अनिसे

103.

स्वीट फ्लैग

104.

ग्रेटर गालंगा

105.

हॉर्स रेडिस

106.

केपर

107.

लौंग

108.

हींग

109.

कम्बोज

110.

हिसोप

111.

जुनीपर बेरी

112.

बे-लीफ

113.

लोवेज

114.

मर्जोरम

115.

नटमेग

116.

मेस

117.

बेसिल

118.

खसखस

119.

सभी मसाले

120.

सेज

121.

रोजमैरी

122.

सवोरी

ग्रामीण क्षेत्र एवं रोजगार मंत्रालय, सा.का.नि. 684 (ई), दिनांक 6 नवम्बर, 1998

123.

थाइमे

124.

ओरेगनो

125.

टेरागान

126.

इमली

127.

खाद्य स्टार्च

128.

खाद्य सामान्य नमक

129.

अमचूर

130.

तिल के बीज

131.

सिवैया

कृषि मंत्रालय, सा.का. नि. 734 (ई), दिनांक 10 अक्टूबर, 2008

132.

मैकरोनी

133.

मोटी सेंवई

134.

मखाना

135.

खजूर

136.

पाम की गिरी

137.

निबौली

138.

नीम तेल

139.

बादाम तेल

140.

कट-फ्लावर

141.

पाम जगरी

142.

चीज स्प्रेड

143.

पनीर

144.

लहसुन का पेस्ट

145.

सोया मिल्क

146.

सोया पाउडर

147.

ग्वार बीज

कृषि मंत्रालय, सा.का. नि. 734 (ई), दिनांक 10 अक्टूबर, 2008

148.

हीना और हीना पाउडर

149.

अनाज और बाजरे का आटा

150.

इन्सटेंट इडली मिक्स

151.

इन्सटेंट वडा मिक्स

152.

कॉफ़ी पाउडर

153.

शिकोरी और शिकोरी पाउडर

154.

चिलगोजा

155.

ओलियोरेजिन ऑफ़ स्पाइसिज

156.

जिंजर पेस्ट

157.

ऑनियन पेस्ट

158.

वैफर्स बनाना

कृषि मंत्रालय, सा.का. नि. 734 (ई), दिनांक 10 अक्टूबर, 2008

159.

वैफर्स पोटेटो

160.

पिस्ताकीयो

161.

भुने हुए बंगाली चने और पाउडर

162.

आलिव ऑयल

163.

सत्तू

164.

जैट्रोफा के बीज

165.

पुआड के बीज

166.

दलिया

167.

सुखाई गई सब्जियां

168.

सुखाए गए फल

169.

खेजरी की फलियां

170.

टमाटर का पाउडर

171.

बेरकुट

172.

महुआ के फूल

173.

करंज के बीज

174.

सूखा आंवला और पाउडर

175.

सफ़ेद मूसली

176.

अश्वगंधा

177.

सिकाकाई की फलियां

 

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