अध्याय 10
विपणन विकास निधि और बाज़ार निधि तथा उसकी लेखा परीक्षा
84. विपणन विकास निधि का गठन – (1) परिषद द्वारा प्राप्त सभी धनराशियां एक निधि में जमा की जाएगी जिसे विपणन विकास निधि कहा जाएगा|
(2) विपणन विकास निधि से सक्षम अधिकारी के पूर्व अनुमोदन के बिना कोई खर्च नहीं किया जाएगा| विपणन विकास निधि को नियमों में उल्लिखित विधि के अनुसार संचालित किया जाएगा|
व्याख्या:- इस उप धारा के उद्देश्यों के लिए “सक्षम प्राधिकारी” से अभिप्राय परिषद के अध्यक्ष अथवा परिषद का कोई अन्य अधिकारी से होगा जिसे परिषद् द्वारा खर्च करने की शक्तियां प्रदत्त की गई हो, जैसी भी स्थिति हो|
(3) विपणन विकास निधि में जमा धनराशि निर्धारित किए जाने वाले ढंग से रखी अथवा निवेश की जाएगी|
85. विपणन विकास निधि का प्रयोग - विपणन विकास निधि का प्रयोग परिषद द्वारा इस अधिनियम के तहत सौंपे गए कार्यों के निष्पादन के लिए किया जाएगा|
(2) उपधारा (1) की समान्यता पर बिना कोई प्रतिकूल प्रभाव डालें विपणन विकास निधि का उपयोग निम्नलिखित के लिए किया जा सकेगा:-
(1) कृषि उत्पादन का बेहतर विपणन;
(2) कृषि विभाग के विपणन से संबंधित अन्य सूचना के अलावा बाजार-दरों का संग्रहण तथा प्रचार-प्रसार;
(3) कृषि उत्पादन का वर्गीकरण तथा मानकीकरण;
(4) बाजारों और उनके क्षेत्रों में विकासात्नक कार्य;
(5) कार्यालय-भवन, अतिथि-गृह, कर्मचारी-आवास, प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण तथा उनका रख-रखाव;
(6) वित्तीय दृष्टि से कमजोर विपणन समितियों के विकास के लिए भूमि-अधिग्रहण कर बाजार विकसित करना;
(7) वित्तीय रूप में कमजोर विपणन समितियों को अनुदान अथवा सहायता या दोनों के रूप में मदद करना;
(8) ड्यूटी के दौरान चोट लगने अथवा दुर्घटना आदि के कारण मृत्यु हो जाने पर वेतन-भत्ते, ग्रेच्युटी, पेंशन, क्षतिपूर्ति भत्ते आदि का भुगतान करना;
(9) सेवा विनियमों के उल्लेखानुसार स्टाफ को सेवा निवृत होने पर अवकाश-नगदीकरण तथा वार्षिक चिकित्सा-सहायता और अन्य आदायगी करना;
(10) सेवा विनियमों में उल्लेखानुसार प्रतिनियुक्ति के कर्मचारियों के भविष्य-निधि, अवकाश वेतन तथा पेंशन अनुदान करना, तथा अन्य देय राशि का सरकार को भुगतान करना तथा प्राधिकृत अस्पतालों में भर्ती होने पर वास्तविक खर्च की प्रति पूर्ति;
(11) परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों तथा अन्य कर्मचारियों को यात्रा तथा अन्य भत्तों का भुगतान;
(12) परिषद द्वारा किए गये विधि संबंधी खर्चों को पूरा करना;
(13) विपणन समिति/समितियों द्वारा अपेक्षित होने पर भंडारों का निर्माण करना;
(14) परिषद के लेखों की लेखा-परीक्षा के लिए होने वाले खर्च;
(15) विपणन-विकास पर कार्यशालाओं, संगोष्ठियों प्रदर्शनियों अधिक आयोजन करना जिसमें इनमें भाग लेना भी शामिल है;
(16) कर्मचारियों को कृषि विपणन में शिक्षा प्रदान करना;
(17) इस अधिनियम के तहत या सरकार के निर्देशानुसार परिषद् को सौंपे गए किसी अन्य कार्य /कार्य का निष्पादन।
86. रखे जाने वाले लेखें - परिषद तथा प्रत्येक विपणन समिति के आय तथा व्यय के खाते विनियम द्वारा निर्धारित तरीके से रखे जाएंगे|
87. लेखों की लेखा परीक्षा –(1) परिषद तथा विपणन समिति के लेखों की लेखा परीक्षा निदेशक द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति अथवा व्यक्तियों द्वारा की जाएगी|
व्याख्या:- उपधारा (1) के तहत किसी वर्ष की लेखा परीक्षा में निम्नलिखित भी शामिल हैं:-
(क) रोकड़ शेष तथा अन्य प्रतिभूतियों की जांच और सत्यापन;
(ख) संपत्ति और देयताओं का मूल्यांकन;
(ग) बजट आकलनों तथा वास्तविक खर्च के बीच हुए परिवर्तन के कारणों तथा परिस्थियों की जांच तथा सत्यापन;
(घ) कार्य लेखों की लेखा परीक्षा;
(ङ) भंडारों का वास्तविक सत्यापन|
(2) परिषद तथा विपणन समिति के लेखों के लेखा परीक्षा करने वाला व्यक्ति सभी प्रकार की लेखा-पुस्तकों तथा दस्तावेजों, वाउचर, भंडार तथा संपत्ति व अन्य रिकार्ड देखने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा| और वह परिषद अथवा विवरण समिति, जैसी भी स्थिति हो, विपणन समिति के खाता तथा रोकड़ शेष तथा भी संपत्ति की वास्तविक जांच करेगा|
(3) परिषद के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष अथवा विपणन समिति का अन्य कोई अधिकारी, जैसा भी स्थिति हो, परिषद अथवा विपणन समिति से संबंधित सभी का प्रकार के लेखें तथा कार्यकलापों से संबंधित सभी प्रकार की अपेक्षित सूचना उसे व्यक्ति को उपलब्ध कराएंगे|
(4) लेखा परीक्षाशुल्क, निदेशक द्वारा निर्धारित किए गए लिखित तरीके अनुसार परिषद अथवा विपणन समिति द्वारा जैसी भी स्थिति हो, अदा की जाएगी|
88. बाजार निधि का गठन, उसका रखरखाव तथा निवेश – (1) इस अधिनियम के तहत विपणन समिति द्वारा प्राप्त किए जाने वाले सभी शुल्क तथा अन्य धनराशियां, जुर्माने के तौर पर वसूली गई राशियाँ (फौजदारी के मामले में किए गए जुर्माने को छोड़कर) समिति के सभी ऋण, तथा सभी अनुदान, उपराज्यपाल द्वारा समिति को दिए गए ऋण तथा अंशदान एक निधि के हिस्से होंगे जिसे “बाजार- निधि” कहा जाएगा|
(2) विपणन समिति द्वारा मध्यस्थता-शुल्क अथवा विवाद संबंधी मध्यस्थता में लागत-प्रतिभूति के रूप में प्राप्त राशि या प्रतिभूति जम के तौर पर समिति द्वारा प्राप्त राशि, भविष्य निधि में अंशदान अथवा अधिसूचित कृषि उत्पाद के लिए अदायगी अथवा तौलकर्ता, पल्लेदार तथा अन्य व्यक्तियों को देय प्रभार तथा नियमों अथवा उपनियमों में उल्लेखानुसार विवरण समिति को प्राप्त अन्य सभी धनराशियां बाजार निधि का हिस्सा नहीं होगी और ऐसी राशि को निर्धारित विधि के अनुसार रखा जाएगा|
89 बाजार निधि का प्रयोग – (1) धारा 88 के प्रावधानों के अधीन रहते हुए बाजार निधि का प्रयोग निम्नलिखित के लिए किया जा सकेगा:-
(1) बाजार-यार्डों के लिए भूमि का अधिग्रहण;
(2) बाजार-यार्डों की स्थापना, उनका अनुरक्षण तथा विकास/सुधार;
(3) बाजार-यार्डों का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा के उद्देश्यों से आवश्यक भवनों का निर्माण तथा मरम्मत;
(4) माप-तौल मानकों का अनुरक्षण;
(5) विनियमों/नियमों में उल्लेखानुसार स्थापना प्रभारों, जिनमें भविष्य निधि का अंशदान, पेंशन, ग्रेच्युटी, सेवा-निवृत्ति पर अवकाश, नगरीकरण तथा वार्षिक आधार पर चिकित्सा सहायता अथवा प्राधिकृत अस्पतालों में दाखिल होने की स्थिति में वास्तविक खर्च की प्रतिपूर्ति भी शामिल है, का भुगतान;
(6) विपणन समिति के कर्मचारियों को ऋण तथा अग्रिम’
(7) ऋणों पर ब्याज का भुगतान;
(8) फसल संबंधी आंकड़ों तथा कृषि उत्पाद-विपणन से संबंधित सूचना एकत्रित करना तथा उसका प्रचार-प्रचार करना;
(9) विपणन समिति के लेखों की लेखा परीक्षा के लिए होने वाले खर्च;
(10) अध्यक्ष को मनदेय तथा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा बाजार-समिति के अन्य सदस्यों को यात्रा भत्ते तथा सदस्यों को बैठकों में भाग देने के लिए देय मानदेय का भुगतान;
(11) निर्धारित नियमानुसार परिषद तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की समेकित निधि से अंशदान जोकि धारा की उपधारा (2) तथा उपधारा (3) के खंड (ब) में उल्लिखित सरकारी कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए अपेक्षित हो;
(12) कृषि विपणन के विकास के लिए किसी योजना में अंशदान करना;
(13) बाजार क्षेत्र में किसानों को वर्गीकरण तथा टेलीफोन आदि की सुविधायें उपलब्ध कराना;
(14) बाजार क्षेत्र में कृषि उत्पाद का विकास करना;
(15) इस अधिनियम के तहत होने वाले चुनाव के खर्चे का भुगतान;
(16) कृषि उत्पादन-विपणन के प्रशिक्षण तथा खोज आदि पर होने वाले सभी खर्चे करना;
(17) अन्य एजेंसियों, राज्य, संघ शासित क्षेत्र आदि के साथ मिलकर कृषि उत्पाद की बिक्री में आने वाली गिरावट को रोकना;
(18) सहकारी विपणन को बढ़ावा देना तथा उत्पाद, विशेषकर छोटे किसानों के उत्पाद को लाभकारी ढंग से प्राप्त करने तथा बेचने में सहकारी विपणन सोसाइटियों की सहायता करना;
(19) कार्यालय-भवन, किसानो तथा आगुन्तकों के लिए अतिथि-गृह तथा कर्मचारियों के लिए आवास-निर्माण के लिए भूमि अधिकरण करना तथा उनका रख-रखाव करना, कार्यालय- प्रयोग, अतिथि गृह तथा कृषि विपणन के अन्य किसी उद्देश्य के लिए भवन किराए पर लेना;
(20) इस अधिनियम के तहत कृषि उत्पाद के विपणन से संबंधित अन्य कोई खर्च, जहां विपणन समिति का वह खर्च जन-हित में हो परंतु इसके लिए परिषद का पूर्वानुमोदन आवश्यक होगा;
(21) परिषद की केंद्रीय पेंशन निधि में निर्धारित अंशदान करना|
(2) उपधारा (1) पर बिना कोई प्रतिकूल प्रभाव डालें प्रत्येक विपणन समिति “बाजार निधि” से:-
(क) लाइसेंस शुल्क, बाजार-शुल्क तथा धारा 3 के उपधारा (4) के तहत प्राप्त जुर्माना राशि से प्राप्त अपनी आय का एक निर्धारित प्रतिशत अंशदान परिषद को करेगी ताकि परिषद अपने कार्यालय-स्थापना संबंधित तथा विपणन समिति के हित में किए गए अन्य खर्च वहन कर सके| यह अंशदान सामान्यतः निम्न प्रकार से होगा:-
(1) यदि किसी विपणन समिति की वार्षिक आय 10,000/- रु० से अधिक नहीं है – 10 प्रतिशत|
(2) यदि किसी विपणन समिति की वार्षिक आय 10,000/- रु० से अधिक लेकिन 15,000 रु० से कम है तो पहले 10,000 रु० पर 10 प्रतिशत|
(3) यदि किसी विपणन समिति की वार्षिक आय 15,000 रु० अधिक है तो पहले
10,000 रु० पर – 10 प्रतिशत
अगले 5,000 रु० पर – 15 प्रतिशत
शेष आय पर – 20 प्रतिशत
(ख) बाजार क्षेत्र में इस अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विपणन समिति के परामर्श से सरकार द्वारा लगाए गए विशेष अथवा अतिरिक्त स्टाफ की लागत का भुगतान करना|
(3) उपधारा (2) दो के खंड (ख) में उल्लिखित विशेष अथवा अतिरिक्त स्टाफ की लागत का निर्धारण सरकार करेगी तथा जहां एक से अधिक विपणन समिति के उद्देश्यों के लिए स्टाफ लगाया गया है वहां यह लागत खर्च उस अनुपात में, संबंधित समितियों में बांट दिया जाएगा जिसे वह उचित समझे तथा किसी विपणन समिति द्वारा दी जाने वाली राशि के निर्धारण संबधी सरकार का निर्णय अंतिम होगा|
90. बाजार निधि बैंक में रखी जाए - बाजार निधि में जमा होने वाली सभी राशियां तथा विपणन समिति द्वारा प्राप्त अन्य सभी राशियाँ निदेशक के विशेष अथवा सामान्य आदेश द्वारा अनुमोदित बैंक अथवा बैंकों में रखी जाएगी|