अध्याय 7
विपणन समितियां - शक्तियां और कर्तव्य
55. विपणन समिति की शक्तियां और कर्तव्य – (1) इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार विपणन समिति के निम्नलिखित कर्तव्य होंगे:-
(1) इस अधिनियम के उपबंधों, नियमों, विनियमों तथा उनके तहत बाजार-क्षेत्र के लिए बनाये उपविधियों के प्रावधानों को लागू करना;
(2) परिषद द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशानुसार अधिसूचित कृषि उत्पादों के लिए सुविधाएँ मुहैया कराना;
(3) बाजारों की निगरानी, निर्देश तथा नियंत्रण या बाजारों के नियंत्रण- नियमन या उपरोक्त से सम्बंधित मामलों के उद्देश्यों के लिए बाजार क्षेत्र को नियमित करने संबंधी मामलों में सभी अपेक्षित कार्य करेगी, इस उद्देश्य के लिए उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेगी तथा उन कर्तव्य का निर्वहन करेगी जो इस अधिनियम द्वारा या उसके तहत उल्लिखित है|
(2) उल्लिखित उपबंधों की सामान्यता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना विपणन समिति –
(क) बाजार में व्यक्तियों तथा वाहनों के प्रवेश को विनियमित कर सकती है;
(ख) बाजार में कारोबार करने के लिए आने वालों की गतिविधियों पर निगरानी रख सकती है;
(ग) लाइसेंस दे सकती है, नवीकरण कर सकती है, मना, निलंबित अथवा रद्द कर सकती है;
(घ) अधिसूचित कृषि उत्पाद के व्यापार अथवा उससे जुड़े सभी मामलों के संबंध में उत्पन्न किसी भी प्रकार के विवाद को सुलझा सकती है;
(ङ) इस अधिनियम तथा उसके तहत बनाए गए नियमों, विनियमों तथा विधियों को उल्लंघन करने के लिए व्यक्तियों को दंडित कर सकती है;
(च) बाजार में प्रवेश और उसके प्रयोग की शर्तों के नियमन सहित बाजार के रख-रखाव और प्रबंध की व्यवस्था कर सकती है;
(छ) बाजार क्षेत्र में अधिसूचित किसी उत्पाद के विपणन का नियमन, तौल अथवा भेजने की व्यवस्था तथा ऐसे कृषि उत्पाद के लिए भुगतान की व्यवस्था कर सकती है;
व्याख्या - खंड (छ) के उद्देश्यों के लिए “नियमन” शब्द में निम्नलिखित भी शामिल हैं –
(1) किसी अधिसूचित कृषि उत्पाद की बिक्री के लिए अनुबंध करना, कराना, लागू करना अथवा उसे रद्द करना;
(2) इस अधिनियम तथा उसके तहत बनाए गए नियमों, विनियमों तथा विधियों के तहत उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार अधिसूचित कृषि उत्पाद बिक्री अथवा खरीद आयोजित करना अथवा उसका पर्वेक्षण करना;
(3) वह स्थान निर्धारित करना जहां अधिसूचित कृषि उत्पाद का खुली नीलामी द्वारा बिक्री के लिए भंडारण या प्रदर्शन किया जाएगा;
(4) नीलामी के लिए समय निर्धारित करना; और
(5) विपणन समिति के कर्मचारी की अनुपस्थिति में हुई नीलामी को रद्द करना
(ज) निम्नलिखित संग्रहण की व्यवस्था –
(1) बाजार क्षेत्र में इस प्रकार के कृषि उत्पाद जिनका सारा व्यापार इस उद्देश्य के लिए उस समय लागू किसी विधि द्वारा अथवा उसके तहत केवल सरकार द्वारा किया जाएगा, या
(2) बाजार क्षेत्र में ऐसे अन्य कृषि उत्पाद जिन्हें सरकार द्वारा समय-2 पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचित करे.
(झ) कर्तव्यों के सुचारू रूप से निष्पादन के लिए आवश्यक होने पर चल अथवा अचल संपत्ति प्राप्त करना, रखना अथवा उसका निपटान करना|
(ट) अधिसूचित कृषि उत्पाद के उत्पादन, बिक्री भंडारण, संस्करण कीमत तथा आवागमन (फसल-आंकड़ों तथा विपणन अधिसूचना सहित) के संबंध में निदेशक अथवा परिषद द्वारा अपेक्षित सूचना एकत्रित करना, रखना और देना|
(ठ) यथानिर्धारित रूप से कृषि उत्पाद में अपमिश्रण को रोकने तथा स्तर- निर्धारण को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाना;
(ड) इस अधिनियम के तहत दिए गए लाइसेंसों की शर्तों सहित, अधिनियम तथा उसके तहत बनाए गए नियमों, विनियमों तथा विधियों के प्रावधानों को लागू करना;
(ढ) निर्धारित किए जाने पर अन्य अपेक्षित कार्य करना;
(ण) बाजार क्षेत्र में बिक्री के लिए ले गए जानवरों, पशुओं अथवा पक्षियों के लिए पशु-चिकित्सक से आरोग्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने की व्यवस्था करना;
(त) पोस्टरों, पत्रकों, विज्ञापनों, बैठकों आदि के माध्यम से अथवा इससे अधिक प्रभावी या आवश्यक समझे जाने वाले अन्य किन्ही माध्यमों से विनियम के लाभों, व्यापार पद्धति बाजार में दी जाने वाली सुविधाओं आदि के बारे में प्रचार करना;
(थ) बाजार क्षेत्र में बिक्री-खरीद होने वाले दिन ही विक्रेता को भुगतान सुनिश्चित करना और भुगतान न होने की स्थिति में उस कृषि उत्पाद तथा खरीददार की कमीशन एजेंट या अन्य संपत्ति को जब्त करना यदि इसमें कमीशन एजेंट सम्मिलित न हो;
(द) बाजार क्षेत्र, उपक्षेत्र में बिके हुए कृषि उत्पाद की तुलाई तथा उसे लाने ले जाने के लिए तौलने वालों अथवा पल्लेदारों की व्यवस्था करना;
(ध) खरीदार या बेचने वाले द्वारा, जेसी भी स्थिति हो, तौलने वालों या पल्लेदारों को भुगतान न किए जाने पर उनको देय प्रभार वसूल करना और उन्हें देना|
56. विपणन समिति के अधिकारियों द्वारा लेखों आदि का निरीक्षण - किसी अधिसूचित कृषि उत्पाद का कारोबार करने वाले व्यक्ति के सभी लेखों तथा अन्य रजिस्टरों तथा खरीद और माल भेजने से संबंधित सभी प्रकार के दस्तावेजों, जो कि उसके पास तथा उसके कार्यालय, दुकान, गोदाम, पात्र या वाहन में हो सकते हैं, की जांच विपणन समिति द्वारा इस संबंध में लिखित में अधिकृत किए गए अधिकारी तथा कर्मचारी उचित समय पर कर सकेंगे|
57. लेखा पुस्तकों आदि को जब्त करना तथा उनकी जांच करना – (1) धारा 55 में उल्लिखित विपणन समिति के किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी को यदि यह प्रतीत होता है कि कोई व्यक्ति बाजार-शुल्क अथवा इस अधिनियम या उसके तहत बनाए गए नियमों अथवा निधियों के तहत देय अन्य किसी प्रकार के शुल्क देने से बच गया है या बचने का प्रयास कर रहा है या किसी व्यक्ति के अधिनियम या उसके तहत बनाए गए नियमों या विनियमों अथवा विधियों का उल्लंघन करते हुए किसी अधिसूचित कृषि उत्पाद की खरीद की है, तो वह लिखित में कारण बताते हुए ऐसे व्यक्ति से उसके लेखे, रजिस्टर या दस्तावेज, ऐसे व्यक्ति के वाहनों सहित अधिसूचित कृषि उत्पाद का भंडार जो आवश्यक हो अपने कब्जे में ले सकता है तथा इसके लिए प्राप्ति रसीद देगा| वह उन्हें अपने पास तब तक रखेगा जब तक स्पष्टीकरण प्राप्त करने अथवा मुकदमा चलाने के लिए उन्हें रखना आवश्यक हो, इसके बाद नहीं|
(2) धारा 56 अथवा उपधारा (1) के उद्देश्यों के लिए अधिकारी अथवा कर्मचारी ऐसे व्यक्ति के कारोबार के किसी स्थान, भंडारण, कार्यालय, दुकान, गोदाम, पात्र अथवा वाहन की जांच कर सकता है यदि उसे ऐसा लगता है कि वह व्यक्ति अधिसूचित कृषि उत्पाद के अपने कारोबार के लेखे, रजिस्टर या दस्तावेज अथवा भंडार वहां रखता है अथवा कुछ समय के लिए रखता है|
(3) अपराध-प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का 2) की धारा 180 की उपधारा (4) से (8) तक के उपबंध-उपधारा 2 के अधीन जांच पड़ताल के लिए अपेक्षित सीमा तक लागू होंगे|
58. वाहन आदि में सामान की जांच और उसे जप्त करना & (1) किसी भी समय इस कार्य के लिए सक्षम विपणन समिति के अधिकारी अथवा कर्मचारी द्वारा अपेक्षित होने पर, जब कोई वाहन या अन्य कोई गाड़ी अंदर अथवा बाहर जाती है या बाजार क्षेत्र में अंदर या बाहर जाना चाहती है तो उसे वाहन अथवा अन्य गाड़ी आदि का चालक उसे रोकेगा और उसे तब तक खड़ा रहेगा जब तक समुचित रूप से आवश्यक हो तथा उस अधिकारी अथवा कर्मचारी को गाड़ी आदि में रखे सामान, गंतव्य स्थान तथा सामान भेजने वाले के पूरे विवरण अथवा व्यापारी या कमीशन ऐजेंट के नाम व पते की पूरी जांच-पड़ताल करने देगा|
(2) उपधारा (1) के तहत अधिकृत विपणन समिति या कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी बाजार क्षेत्र से बाहर ले जाये जा रहे अथवा ले जाये जाने वाले किसी भी अधिसूचित कृषि उत्पाद, वाहन अथवा गाड़ी को अपने कब्जे में ले सकता है, यदि उसे ऐसा महसूस होता है कि इस अधिनियम के तहत उस उत्पाद से संबंधित किसी प्रकार का शुल्क अदा नहीं किया गया है| इस प्रकार जब्त किए उत्पाद के मामले को उस अधिकारी अथवा कर्मचारी द्वारा उस क्षेत्र के मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत किया जाएगा जिसे इस अधिनियम के अधीन अपराध पर मुकदमा चलाने का अधिकार है तथा अपराध प्रकिया संहिता 1973 (1974 का 2) की धारा 457, 458 तथा 459 कृषि उत्पाद के मामले में उस प्रकार लागू होंगे जिस प्रकार किसी पुलिस अधिकारी द्वारा जब्त की गई संपत्ति के मामले में लागू होता है|
59. अवैध कब्जे हटाना - विपणन समिति अथवा परिषद का कोई अधिकारी या कर्मचारी जो इस बारे में विपणन समिति के सदस्य या परिषद के उपाध्यक्ष जैसी भी स्थिति हो द्वारा अधिकृत हो, उसे बाजार क्षेत्र में कोई भी अवैध कब्जा हटाने का अधिकार होगा और इसे हटाने के लिए होने वाला खर्च उस व्यक्ति से वसूल किया जाएगा जिसने अवैध कब्जा कर रखा हो और इसे भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जाएगा|
व्याख्या:- इस धारा के उद्देश्यों के लिए “अवैध कब्जों” से अभिप्राय ऐसे स्थान पर बिक्री के लिए सामान रखने अथवा प्रदर्शित करने से है जो विपणन समिति द्वारा विपणन के लिए मना किया गया स्थान हो|
60. उप समितियों की नियुक्ति, शक्तियों का प्रत्यायोजन - विपणन समिति एक अथवा अधिक उप समितियां गठित कर सकती है जिसमें वह ऐसे सदस्य रख सकती है जैसे वह ठीक समझें तथा ऐसे प्रतिबंधों और शर्तों के अधीन जो इन विनियमों में यथा निर्देशित हो ऐसी उप समितियां को अपनी वे शक्तियां और कार्य प्रत्यायोजित कर सकती हैं जो वह ठीक समझे|
परंतु उस समिति, परिषद अथवा उस कार्य के लिए इसके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के अनुमोदन से किसी ऐसे व्यक्ति को ले सकती है जो विपणन समिति का सदस्य नहीं है|
61. विनिर्विष्ट उत्पाद के लिए विपणन के लिए संग्रहण केंद्र खोलने तथा खरीदार द्वारा प्राप्ति और अदायगी के प्रावधानों के लिए विपणन समिति की शक्तियां – (1) इस उद्देश्य के लिए निदेशक द्वारा सरकारी राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना द्वारा विधिवत प्राधिकृत विपणन समिति, जनता की सूचना के लिए सरकारी राजपत्र में आदेश प्रकाशित करके और अन्य समुचित तरीके से जैसा वह उचित समझे उस आदेश में उल्लिखित उत्पाद (यहाँ विनिर्दिष्ट उत्पाद के रूप में उल्लिखित) के संग्रहण के लिए केंद्र खोल सकती है|
(2) यदि कोई व्यक्ति किसी विनिर्दिष्ट कृषि उत्पाद को बाजार क्षेत्र में बेचना चाहता है तो वह उस सारे उत्पाद को उपधारा (1) के तहत इस उद्देश्य के लिए स्थापित किए गए संग्रहण केंद्र पर ही रखेगा|
लेकिन ऐसी विनिर्दिष्ट उत्पाद किसी कमीशन एजेंट या इस संबंध में निदेशक के आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट एजेंसी के माध्यम से ही लाए जा सकते हैं|
(3) विपणन समिति ऐसे उत्पाद की बिक्री होने पर उसकी तौलाई, माप अथवा गिनती, जैसी भी स्थिति हो, की व्यवस्था करेगी तथा उसकी प्राप्ति रसीद उस व्यक्ति अथवा कमीशन एजेंट या अन्य किसी एजेंसी को देगी जिसके द्वारा वह उत्पाद संग्रहण केंद्र पर बिक्री के लिए लाया गया हो तथा उसकी प्राप्ति-रसीद की एक प्रति खरीदार को भी देने की व्यवस्था करेगी|
(4) इस रसीद में निम्नलिखित विवरण होंगे जैसे :-
(1) संग्रहण केंद्र का नाम;
(2) उत्पाद लाने वाले का नाम;
(3) खरीदार का नाम
(4) कमीशन एजेंट अथवा कोई एजेंसी, यदि कोई हो, का नाम;
(5) विनिर्दिष्ट उत्पाद का नाम, वजन, माप अथवा संख्या, जैसी भी स्थिति हो तथा उस उत्पाद की तौलाई, माप अथवा गिनती के लिए दिए गया शुल्क;
(6) उस उत्पाद का नाम, ग्रेड और किस्म यदि कोई हो, तथा दर;
(7) खरीददार अथवा कमीशन एजेंट, द्वारा यदि बिक्री एजेंट के माध्यम से हुई है विपणन समिति को दी जाने वाली राशि;
(8) उत्पाद लाने वाले द्वारा कमीशन के रूप में एजेंट को दी जाने वाली राशि, यदि कोई हो, तथा विपणन समिति द्वारा अधिकृत अन्य कोई बाजार प्रभार;
(9) दिल्ली सहकारी समितियां अधिनियम 1972 (1972 का 35) के तहत उत्पाद लाने वाले द्वारा सहकारी समिति को दी जाने वाली राशि;
(10) उस उत्पाद के लिए उत्पाद लाने वाले द्वारा क्रेता से ली गई अग्रिम राशि, यदि कोई हो;
(11) खंड (7), खंड (8), खंड (9), खंड (10) के अंतर्गत कटौती करने के बाद, उत्पाद लाने वाले को दी जाने वाली वास्तविक राशि (यदि कोई हो);
(12) खरीदार द्वारा खरीदे गए उत्पाद के लिए कुल देय राशि;
(5) उपधारा (4) के खंड (7) के तहत विपणन समिति को दी जाने वाली राशि में इस अधिनियम के द्वारा अथवा उसके तहत खरीददार से लिया जाने वाला शुल्क शामिल होगा|
(6) रसीद प्राप्ति के बाद खरीददार, उसके द्वारा देय राशि यानी उत्पाद की बिक्री- कीमत तथा कमीशन एजेंट अथवा एजेंसी को देय बाजार-शुल्क का भुगतान करेगा| यह भुगतान वह नगद, चेक अथवा बैंक ड्राफ्ट द्वारा करेगा तथा कमीशन एजेंट अथवा एजेंसी द्वारा इस प्रकार प्राप्त बाजार-शुल्क ब्रिकी-विवरण के साथ बाजार- समिति में जमा कराया जाएगा| खरीददार, कमीशन एजेंट अथवा एजेंसी, जैसी भी स्थिति हो, को कमीशन राशि का भी भुगतान करेगा, यदि उसे बाजार समिति के उप नियमों के अनुसार कमीशन का भुगतान इन्हें करना है| कमीशन एजेंट और या एजेंसी, जैसी भी स्थिति हो, विक्रेता का, उत्पाद की बिक्री के बाद, बाजार- समिति की उपविधियों में उल्लिखित प्रभारों को काटकर नगद चेक अथवा बैंक- ड्राफ्ट द्वारा भुगतान करेगा|
62. बाजार शुल्क लेने तथा इकट्ठा करने की शक्ति - प्रत्येक विपणन, समिति, ऐसे शुल्क (इसके बाद “बाजार शुल्क” के रूप में उल्लिखित) जोकि सरकारी राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर सरकार द्वारा निर्धारित किए गए शुल्क से कम या ज्यादा नहीं होगा, बाजार क्षेत्र में बेचे जाने वाले अधिसूचित कृषि उत्पाद के लिए प्रत्येक खरीददार से वसूल करेगी;
लेकिन सरकार द्वारा निर्धारित की जाने वाली वह राशि अधिसूचित कृषि उत्पाद की बिक्री कीमत के एक सौ रुपया पर एक रुपया से कम नहीं होगी|
63. कृषि उत्पाद की बिक्री संबंधी संभावना - धारा 62 के उद्देश्यों के लिए बाजार अथवा बाजार क्षेत्र से जाने वाला सभी अधिसूचित कृषि उत्पाद बाजार अथवा बाजार क्षेत्र में बिका हुआ माना जाएगा, जब तक कि इसके विपरीत उल्लेख न हो|
64. बाजार शुल्क केवल एक बार लिया जाएगा - उसी बाजार क्षेत्र में किसी अधिसूचित कृषि उत्पाद के लिए दोबारा बाजार शुल्क वसूल और एकत्रित नहीं किया जाएगा जिसके लिए इस अधिनियम के तहत शुल्क पहले ही वसूल तथा एकत्रित किया गया है|
65. कमीशन aएजेंटों से बाजार शुल्क लिया जाना - जहां अधिसूचित कृषि उत्पाद की बिक्री अथवा खरीद बाजार में कमीशन एजेंट के माध्यम से हुई है तो बाजार शुल्क यदि धारा 61 की उपधारा (6) के तहत विपणन समिति को नहीं दिया गया है तो वह उस कमीशन एजेंट से निम्न प्रकार से वसूल किया जाएगा:-
(क) इस अधिनियम के तहत देय बाजार शुल्क कमीशन एजेंट द्वारा उस अंतराल से दिया जाएगा, जिसे विपणन समिति विधियों के द्वारा निर्धारित करें;
(ख) प्रत्येक कमीशन एजेंट अपने द्वारा प्राप्त किए गए कृषि उत्पाद तथा की गई बिक्री दर्शाने वाला आवधिक विवरण विपणन समिति को उन तारीखों को देगा जो उपविधियों द्वारा विनिर्दिष्ट की जाएं;
(ग) प्रत्येक कमीशन एजेंट विपणन समिति को उपविधियों में उल्लिखित अंतराल पर इस अधिनियम के तहत खंड (ख) में उल्लिखित विवरण के अनुसार देय सारे बाजार-शुल्क का भुगतान करेगा और भुगतान की रसीद इस ब्योरे के साथ प्रस्तुत करेगा|
व्याख्या - इस धारा के उद्देश्यों के लिए –
(1) कमीशन एजेंट की “बिक्री” से अभिप्राय अधिसूचित कृषि उत्पाद की बिक्री की कुल राशि से है जो विवरण से संबंधित अवधि के दौरान हो, चाहे उसे वह राशि वास्तव में मिली हो या नहीं;
(2) “विवरण” से अभिप्राय उसे विवरण से है जो उपविधियों में निर्धारित तरीके से लिया गया हो और जिसके साथ उस विवरण के अनुसार देय बाजार शुल्क के पूरे भुगतान की रसीद संलग्न की गई हो|
66. कमीशन एजेंट द्वारा देय बाजार शुल्क का निर्धारण तथा उसका भुगतान – (1) यदि विनिर्दिष्ट तारीख तक किसी अवधि का विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया या यदि विपणन समिति इस बात से संतुष्ट नहीं है कि कमीशन एजेंट द्वारा दिया गया विवरण सही अथवा पूरा है तो समिति द्वारा प्राधिकृत विपणन समिति का कोई अधिकारी (जिसे इसके बाद निर्धारण अधिकारी कहा जाएगा) उपनियमों में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार अपने निर्णय द्वारा उस कमीशन एजेंट द्वारा देय बाजार शुरू का निर्धारण करेगा परंतु;
परन्तु ऐसे निर्धारण को अंतिम रूप देने से पूर्व संबंधित कमीशन एजेंट को इसके लिए कारण बताने का एक समुचित अवसर प्रदान किया जाएगा कि उनके बाजार शुल्क का अंतिम निर्धारण क्यों न कर दिया जाए|
(2) उपधारा (1) के तहत निर्धारित की गई बाजार शुल्क की राशि का भुगतान, पहले दी गई राशि, यदि कोई हो, को घटाकर निर्धारण आदेश प्राप्त होने की तारीख से पन्द्रह दिन के अंदर कमीशन एजेंट द्वारा किया जाएगा|
(3) यदि कोई कमीशन एजेंट उपधारा (2) के अनुसार अपेक्षित बाजार शुल्क की राशि का भुगतान करने में असमर्थ रहता है तो उसे देय बाजार-शुल्क के अलावा धारा 65 के खड़ (ख) के तहत विवरण प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख से देय राशि पर 2% की दर से सामान्य ब्याज उपधारा (1) के तहत निर्धारित तारीख तक तथा उसके बाद वसूली होने तक प्रत्येक माह 3% की दर से देना होगा|
67. बाजार-शुल्क निर्धारण के विरुद्ध कमीशन एजेंट द्वारा अपील – (1) कोई कमीशन एजेंट जो धारा 66 के तहत निर्धारण अधिकारी के आदेश से संतुष्ट न हो वह ऐसे आदेश की प्राप्ति से 30 दिन के अंदर निर्धारित तारीख से निदेशक को अपील कर सकता है|
(2) निदेशक उपधारा (1) में उल्लिखित अपील पर निम्न प्रकार से आदेश पारित कर सकतें हैं:-
(क) उस निर्धारण पर सहमति दे सकते हैं अथवा उसे कम या ज्यादा कर सकते हैं, या
(ख) उस निर्धारण को निरस्त कर निर्धारण अधिकारी को जांच के बाद पुनः निर्धारण करने का निर्देश दे सकते हैं;
परंतु निर्धारण में बढ़ोतरी से संबंधित कोई आदेश तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि अपीलकर्ता को इसके विरुद्ध प्रतिवेदन करने का समुचित अवसर न प्रदान कर दिया जाए|
68. अपील प्राधिकारी का आदेश अंतिम है - धारा 67 की उपधारा (2) के तहत अपील प्राधिकारी द्वारा किया गया आदेश अंतिम होगा तथा कमीशन एजेंट और विपणन समिति पर बाध्य होगा|
69. फार्म आदि द्वारा बाजार शुल्क की देयता – (1) इसके विपरीत किसी बात के होते हुए भी जहां कोई फार्म इस अधिनियम के तहत बाजार शुल्क की देनदार है तो वह फॉर्म तथा उसका प्रत्येक हिस्सेदार संयुक्त रूप से उसके भुगतान के लिए जिम्मेदार होगा;
लेकिन यदि कोई हिस्सेदार फर्म से अलग हो जाता है तो उसे इस बारे में लिखित सूचना विपणन समिति को देनी होगी और उसे अलग होने की तारीख तक के शेष बचे बाजार शुल्क की अदायगी करनी होगी तथा साथ ही उस शुल्क का भुगतान भी करना होगा जो उसके अलग होने की तारीख तक देय है, भले ही उसका निर्धारण न किया गया हो;
परंतु यदि अलग होने की तारीख से 15 दिन के अंदर इसकी सूचना नहीं दी जाती है तो हिस्सेदार की देनदारी विपणन समिति को सूचना प्राप्त होने की तारीख तक हिस्सेदार की बनी रहेगी|
व्याख्या - इस धारा के उद्देश्यों के लिए “फर्म” में कंपनी या निगम अथवा सार्वजनिक निकाय शामिल हैं|
(2) यदि कोई व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट फर्म अथवा व्यक्तियों का समूह या अविभाजित हिंदू परिवार है तथा ऐसी फर्म समूह अथवा परिवार ने व्यापार छोड़ दिया है तो:-
(क) ऐसी फर्म, समूह या परिवार द्वारा व्यापार छोड़ने की तारीख तक इस अधिनियम के तहत देय बाजार शुल्क इस प्रकार से निर्धारित किया जाएगा मानों व्यापार छोड़ ही न गया हो; तथा
(ख) कोई व्यक्ति जो व्यापार बंद होने के समय किसी फर्म का हिस्सेदार या समूह का सदस्य अथवा परिवार हो, व्यापार बंद हो जाने पर भी निर्धारित किए गए बाजार शुल्क का देनदार होगा, भले ही बाजार शुक्र निर्धारित कारोबार बंद होने से पहले अथवा बाद में किया गया हो और इस बारे में इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार यह समझा जाएगा कि ऐसा प्रत्येक व्यक्ति या हिस्सेदार अथवा कमीशन एजेंट था;
(3) उपधारा (2) के उपबंध के अनुसार यदि कोई व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट फर्म या शक्तियों का समूह समाप्त हो जाता है या जहां व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट जो कि अविभाजित हिंदू परिवार है, व्यापार की दृष्टि से विभाजित हो जाता है तो वह उपधारा में “कारोबार बन्द” को “भंग” अथवा “विभाजित”, जैसी भी स्थिति हो के संदर्भ में लिया जाएगा|
70. व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट की मृत्यु हो जाने की स्थिति में बाजार शुल्क देयता - व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट की मृत्यु हो जाने पर –
(क) व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट की मृत्यु हो जाने पर भी यदि इसके वैध प्रतिनिधि अथवा अन्य किसी व्यक्ति द्वारा कारोबार चलाया जाता है तो वह प्रतिनिधि अथवा व्यक्ति इस अधिनियम के तहत उस व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट द्वारा देय बाजार शुल्क का भुगतान करने का देनदार होगा भले ही उस शुल्क का निर्धारण उसकी मृत्यु के पहले अथवा बाद में किया गया हो और दिया न गया हो और इस अधिनियम के उपबंध ऐसे प्रतिनिधि अथवा अन्य व्यक्ति पर इस प्रकार से लागू होंगे जैसे वह स्वयं व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट हो;
(ख) यदि व्यापारी अथवा कमीशन एजेंट द्वारा किया जा रहा व्यापार उसकी मृत्यु के बाद बंद हो जाता है तो उसका वैध प्रतिनिधि उसकी संपत्ति से जहां तक हो सकेगा मृतक से वसूली योग्य बाजार शुल्क भुगतान करने का जिम्मेदार होगा, भले ही उसे शुल्क का निर्वारण उसकी मृत्यु से पहले अथवा बाद में किया गया हो लेकिन जिसका भुगतान न किया गया हो|
व्याख्या - इस उपधारा के उद्देश्यों के लिए “वैध प्रतिनिधि” से अभिप्राय नागरिक प्रक्रिया संहिता 1908 (1908 का 5) की धारा 2 के खंड (2) में दिए गए अर्थ से है|
71. फार्म आदि के गठन में परिवर्तन की सूचना – प्रत्येक व्यापारी या कमीशन एजेंट को गठन में परिवर्तन, कारोबार बंद होने, भंग होने, फर्म, कंपनी, निगम, व्यक्तियों के समूह आदि में विभाजन अथवा उससे जुड़े हुए किसी व्यक्ति की मृत्यु की सुचना ऐसी घटना घटित होने के 15 दिन के अंदर विपणन समिति को देनी होगी|
72 ऋण प्राप्त करने तथा देने की शक्ति – (1) विपणन समिति बाजार स्थापित करने के लिए अपेक्षित भूमि, भवन अथवा उपस्कर के खर्चों के लिए सरकार से निर्धारित शर्तों पर ऋण प्राप्त कर सकेगी;
(2) कोई विपणन समिति परिषद के पूर्व अनुमोदन से परिषद द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार दूसरी विपणन समितियों से ऋण ले सकेगी;
(3) इस अधिनियम के उद्देश्यों के कार्यान्वयन के लिए परिषद द्वारा निर्देश दिए जाने पर कोई विपणन समिति दूसरी विपणन समिति को ऋण दे सकेगी|
73 करार करना – (1) विपणन समिति द्वारा किया प्रत्येक करार लिखित में होगा तथा इसकी ओर से सचिव द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे|
(2) उपधारा (1) में उल्लिखित करार के अलावा अन्य कोई करार विपणन समिति पर बाध्य नहीं होगा;
परंतु विपणन समिति द्वारा कोई करार इस अधिनियम के तहत प्राप्त प्राधिकार-क्षेत्र से बाहर नहीं किया जाएगा तथा वह निर्धारित की जाने वाली शर्तों के अधीन होगा|
74. माप तोल संबंधित नियमों के निर्माण से संबंधित कुछ विवादों का निर्णय माप-तोल नियंत्रक द्वारा किया जाना – (1) यदि किसी व्यक्ति तथा माप तोल (परावर्तन) अधिनियम 1985 (1985 का 54) के तहत नियुक्त निरीक्षक के बीच इस अधिनियम के तहत बनाए जाने वाले नियम अथवा जांच प्रणाली पुन: जांच अथवा तोल या माप-तोल मशीन पर मोहर लगाने के संबंध में किसी बाजार क्षेत्र में कोई विवाद होता है तो वह उस व्यक्ति अथवा निरीक्षक के अनुरोध पर इस अधिनियम के तहत नियुक्त नियंत्रक के पास भेजा जाएगा तथा नियंत्रक का निर्णय उपधारा (2) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, अंतिम होगा|
(2) उपधारा (1) के तहत दिए गए निर्णय के विरुद्ध अपील निर्धारित समय और तरीके से उपराज्यपाल या उनके द्वारा, इस कार्य के लिए आदेशानुसार नियुक्त किसी अधिकारी को की जा सकेगी और उपराज्यपाल तथा उस अधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, का निर्णय अंतिम होगा|