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अध्याय 12

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अध्याय 1

नियंत्रण

96. निदेशक की शक्तियां - निदेशक अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत कोई अधिकारी:-

               (क) किसी विपणन समिति के लेखे तथा कार्यालय की जांच कर सकेंगे;

(ख) विपणन समिति के कार्यकलापों की जांच कर सकेंगे;

(ग)  विपणन समिति के किसी ब्योरे, विवरण, लेखे अथवा रिपोर्ट, जो वह उचित समझे मंगवा सकेंगे;

(घ) विपणन समिति को निम्नलिखित पर विचार करने के लिए कह सकते हैं:     

(1) किसी समिति द्वारा अथवा उसकी ओर से हुए अथवा होने वाले किसी अनुचित कार्य की आपत्ति के बारे में;

(2) ऐसी कोई सूचना जो वह दे सकते हैं तथा जो समिति द्वारा कोई कार्य करने के लिए आवश्यक प्रतीत होती है;

      (ङ) होने वाले किसी कार्य अथवा हो रहे कार्य के न करने के निर्देश दे सकते हैं इसके बारे में समिति द्वारा दिए गए जवाब पर बाद में विचार किया जाएगा;

      (च) किसी ऐसे कार्य के लिए निर्देश दे सकते हैं जो उनकी राय में होना चाहिए लेकिन नहीं हो रहा वह उनकी इस निर्देशित अवधि में हो जाना चाहिए|

97. निदेशक अथवा प्राधिकृत अधिकारी जो सूचना प्रस्तुत करना विपणन समितियों के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा सदस्यों का कर्तव्य – (1) जब किसी विपणन समिति के लेखे तथा कार्यालय का निरीक्षण हो रहा हो तथा अथवा धारा 96 के तहत उस समिति के कार्यकलापों की जांच हो रही हो तथा धारा 99 के अंतर्गत उस समिति की जांच की जा रही हो तो उस समिति के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी लेखे तथा कार्यालय के कार्यकलापों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी जो उनके पास हो, अपेक्षित होने पर निदेशक अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति को उपलब्ध करायेंगे|

(2) निदेशक अथवा अन्य अधिकारी जो लेखों तथा कर्यालयों का निरीक्षण करते समय अथवा धारा 96 के तहत वितरण समिति के कार्यकलापों की जांच करते समय अथवा धारा 99 के अंतर्गत उस समिति की कार्यवाही की जांच करते समय उसे निरीक्षण तथा जांच के उद्देश्य के लिए बड़ी शक्तियां प्राप्त होगी जो नागरिक प्रक्रिया संहिता 1908 (1908 का 5) के तहत सिविल न्यायालय को निम्नलिखित मामलों में मुकदमे की सुनवाई करते समय प्राप्त होती हैं अर्थात:

(क) विपणन समिति के किसी अधिकारी, कर्मचारी अथवा सदस्य को बुलाना अथवा उपस्थित होने के लिए बाध्य करना और शपथ के आधार पर जांच करना;

(ख) साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किए जाने वाला कोई दस्तावेज अथवा ने कोई सामग्री विपणन समिति के अधिकारी, कर्मचारी से बरामद तथा प्रस्तुत करना; और

 (ग) साक्ष्य के शपथ-पत्र प्राप्त करना;

(3) निदेशक अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत कोई अधिकारी उपधारा 2 (1974 का 2) के द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते समय अपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 195 तथा अध्याय 26 के उद्देश्यों के लिए सिविल न्यायालय माना जाएगा|

98. लेखा पुस्तिकाओं तथा अन्य दस्तावेजों को जप्त करना - जब निर्देशक को यह विश्वास हो जाए की विपणन समिति की लिखा पुस्तिकाओं तथा रिकॉर्ड को क्षति पहुंचाई जा सकती है अथवा उसे नष्ट किया जा सकता है या विपणन समिति की निधियां अथवा संपत्तियों का दुरुपयोग हो सकता है तो निदेशक आदेश द्वारा लिखित रूप में प्राधिकृत व्यक्ति को उसे विपणन समिति की लेखा पुस्तकों तथा रिकॉर्ड निधियां तथा संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दे सकते हैं तथा इन लेखा पुस्तकों रिकॉर्ड निधियां तथा संपत्तियों के लिए जिम्मेदार विपन समिति के अधिकारी उसे प्राधिकृत व्यक्ति को यह सब चीज देंगे|

99. विपणन समिति की कार्यवाहियों को मंगवाने तथा उन पर आदेश पारित करने की निदेशक की शक्तियां - निदेशक किसी भी समय किसी विपणन समिति की कार्यवाहियां मंगा कर जांच कर सकते हैं तथा उनके संतुष्टि के लिए इस अधिनियम के तहत उस विपणन समिति द्वारा दिए गए निर्णय अथवा पारित किए गए आदेश की वैधता की जानकारी ले सकते हैं| और यदि किसी मामले में निदेशक को ऐसा प्रतीत होता है कि उसमें कोई निर्णय अथवा आदेश या कार्यवाही संशोधित, समाप्त तथा वापस किए जाएं तो निदेशक उस पर ऐसे आदेश पारित कर सकते हैं जैसे वह उचित समझे|

100. परिषद द्वारा निरंत्रण - धारा 98 के तहत निदेशक द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियां परिषद अथवा उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा प्रयोग की जाएंगी तथा इस धारा के संबंध में किए संदर्भ को परिषद को किए गए संदर्भ समझा जाएगा|

101. विपणन समितियों का विलयन अथवा विभाजन – (1) यदि सरकार इस बात से संतुष्ट है कि किसी बाजार क्षेत्र में कृषि उत्पाद के प्रभावी विपणन के लिए दो या अधिक विपणन समितियों का विलय अथवा किसी विपणन समिति का दो या दो से अधिक विपणन समितियों में विभाजन करना आवश्यक है तो विपणन समिति अथवा विपणन समितियों, जैसी भी स्थिति हो, तथा परिषद से विचार-विमर्श करके अधिसूचना द्वारा उन विपणन समितियों का एक विपणन समिति के रूप में विलय अथवा विपणन समिति का अधिसूचना में उल्लिखित कृषि उत्पाद की दृष्टि से बाजार क्षेत्र में दो या दो से अधिक विपणन समितियों में विभाजन कर सकती है| अधिसूचना में विलय अथवा विभाजन, जैसी भी स्थिति हो, को प्रभावी बनाने के लिए उसके गठन, संपत्ति, अधिकारों, हितों तथा प्राधिकारों और दस्तावेजों, कर्तव्यों (जिसमें करारो, परिसंपत्तियों, कर्मचारीयों, कार्यवाहियों का प्रावधान भी शामिल है) तथा आकस्मिक और अनुपूरक मामलों की भी व्यवस्था होगी|

(2) किसी बाजार क्षेत्र में उपधारा (1) के तहत एक से अधिक विपणन समितियां स्थापित होने पर सरकार इस अधिनियम के प्रावधानों पर बिना कोई प्रतिकूल प्रभाव डालें इस आशय के सामान्य अथवा विशेष निर्देश जारी कर सकेगी, कि जो मामले संयुक्त रूप से उनके हित के हैं उनमें कौन सी विपणन समिति इस अधिनियम के तहत विपणन समिति की शक्तियों का प्रयोग तथा कर्तव्यों निष्पादन करेगी|

(3) यदि उपधारा (2) के तहत कोई निर्देश जारी किया जाता है तो उसके अनुपालन में किसी विपणन समिति द्वारा उठाए जाने वाले खर्च को दूसरी समिति द्वारा सहमति से निर्धारित अनुपात में वहन किया जाएगा तथा ऐसा न करने की स्थिति में सरकार अथवा उसके द्वारा इसके लिए निर्देशित अन्य किसी अधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, का निर्णय अंतिम होगा|

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