अध्याय 6
विपणन समिति का गठन
35. विपणन समिति का निर्माण – (1) धारा 26 के उपबंधों पर बिना कोई प्रतिकूल प्रभाव डालें, सरकार द्वारा सरकारी राजपत्र में आदेश प्रकाशित कर प्रत्येक बाजार क्षेत्र के लिए विपणन समिति और विभिन्न विपणन समितियां गठित की जाएगी और उसी बाजार क्षेत्र या उसके किसी हिस्से में विपणित अधिसूचित विभिन्न कृषि उत्पादों के विपणन के नियमन हेतु विभिन्न विपणन समितियां गठित की जा सकती हैं|
(2) प्रत्येक विपणन समिति उन शक्तियों का प्रयोग करेगी तथा वे कार्य करेगी जो उसे इस अधिनियम के द्वारा तथा इसके तहत प्राप्त होंगे|
36. विपणन समिति का गठन – (1) उपधारा (2) के उपबंधों के अनुरूप सरकार निम्नलिखित ग्यारह सदस्यों से विपणन समिति गठित कर सकती है:-
(क) तीन व्यक्ति जो किसान हों और उनके पास तथा निर्धारित योग्यता हो, परंतु उनमें से एक अनुसूचित जाति अथवा पिछड़े वर्ग का सदस्य होना चाहिए|
(ख) दो सदस्य, व्यापारियों तथा कमीशन एजेंटो में से जिनके पास बाजार क्षेत्र में कार्य करने के लाइसेंस हों, निर्धारित विधि से चुने जाएंगे|
(ग) एक सदस्य बाजार क्षेत्र में अधिसूचित कृषि उत्पाद के व्यापार तथा उसके संस्करण में लगी सहकारी समितियों के प्रधान अथवा अध्यक्ष में से सरकार द्वारा नामित किया जाएगा|
(घ) एक सदस्य उस स्थानीय प्राधिकरण से चुना जाएगा इसके अधिकार क्षेत्र की स्थानिय सीमा में विपणन समिति का मुख्य बाजार स्थित है|
लेकिन जिस व्यक्ति को धारा 79 के तहत लाइसेंस दिया गया है वह इस खंड के तहत चुने जाने का पात्र नहीं होगा|
(ङ) एक सदस्य, निर्धारित विधि से तौलने वालों तथा मापने वालों में से चुना जाएगा|
(च) एक सदस्य, दिल्ली विधान सभा से अध्यक्ष द्वारा उपभोक्ताओं के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित किया जाएगा|
(छ) दो सदस्य, सरकार द्वारा नामित किए जाएंगे जिनमें से एक उपभोक्ताओं के हितों का प्रतिनिधित्व करेगा|
(2) इस अधिनियम के तहत पहली बार विपणन समिति का गठन होने पर अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष सहित सभी सदस्य सरकार द्वारा नामित किए जाएंगे|
(3) प्रत्येक विपणन समिति का एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष होगा|
(4) उपधारा (2) के उपबंधों पर बिना कोई प्रतिकूल प्रभाव डालें अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष विपणन समिति के सदस्यों द्वारा चुने जाएंगे|
37. विपणन समिति का निगमीकरण - प्रत्येक विपणन समिति राष्ट्रीय महत्व की मंडी (मंडियों) के लिए विपणन समिति सहित एक निगमित निकाय होगी और उसका वह नाम होगा जो सरकार अधिसूचना द्वारा तय करे और इसका क्रम निरंतर बना रहेगा तथा इसकी एक मोहर होगी तथा इसे इस अधिनियम के तहत लगाए गए प्रतिबंधों के साथ शक्तियां प्राप्त होगी, जिससे वह संपत्ति करार, अधिग्रहण तथा निपटारा कर सकेगी| संपत्ति में चल व अचल दोनों प्रकार की संपत्ति शामिल है| वह मुकदमा चल सकेगी और इस पर मुकदमा चलाया जा सकेगा|
38. विपणन समिति के सदस्यों के चुनाव की रीति - चुनाव की रीति, मतदाता सूचियाँ तैयार करना तथा उनका रखरखाव करना, सदस्यता तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए योग्यताएं एवं अयोग्यताएं, मत देने का अधिकार, जमा तथा जब्त करना, चुनाव-विवादों को सुलझाना, निर्वाचित सदस्यों के नाम प्रकाशित करना तथा उससे संबंधित सभी मामले यथा निर्धारित रीति के अनुसार होंगे|
39. सदस्यों का चुनाव न हो पाना - यदि किसी कारण से किसी श्रेणी के मतदाता विपणन समिति के सदस्य का चयन नहीं कर पाते हैं तो निदेशक सरकारी राजपत्र में सूचना प्रकाशित कर प्रकाशन की तारीख से एक महीने के अंदर अपेक्षित सदस्यों का चुनाव करने को कहेंगे और यदि उक्त अवधि में अपेक्षित सदस्यों का चयन नहीं हो पता है तो सरकार उक्त श्रेणी का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों को, जो इस अधिनियम के तहत चुने जाने की योग्यता रखते हों, नामित कर सकेगी|
40. विपणन समिति के सदस्यों के नामों का प्रकाशन - विपणन समिति के सदस्यों के नाम यथाशीघ्र यथा संभव सरकारी गजट में प्रकाशित किए जाएंगे| किसी विपणन समिति के सभी सदस्यों के नाम प्रकाशित होने पर अथवा कम से कम नौ सदस्यों के नाम सरकारी बजट में प्रकाशित होने पर यह माना जाएगा कि विपणन समिति का विधिवत गठन हो गया है|
41. विपणन समिति का कार्यकाल - इस अधिनियम में की गई अन्यथा-व्यवस्था को छोड़कर विपणन समिति धारा 40 के तहत अपने गठन की तारीख से तीन वर्ष तक कार्य करेगी;
लेकिन सरकार, सरकारी बजट में अधिसूचना प्रकाशित कर इसकी अवधि को उतनी बड़ा सकती है जितनी वह उचित समझे लेकिन यह एक वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए|
42. चुनाव निधि की स्थापना – (1) मतदाता सूची तैयार करने तथा विपणन समिति के चुनाव करने संबंधी कार्यकलापों पर निदेशक निगरानी रखेंगे, निर्देश देंगे तथा नियंत्रण रखेंगे|
(2) मतदाता सूचित तैयार करने तथा विपणन समिति के चुनाव कराने संबंधी सभी खर्च निदेशक के यथा अनुमोदन से चुनाव निधि या मंडी निधि से अदा किए जाएंगे| इस उद्देश्य के लिए विपणन समिति निदेशक के पास उतनी धन राशि पहले से ही रखेगी जितनी वह उपधारा (1) के तहत उन्हें मिले कर्तव्यों के निर्वहन के लिए आवश्यक समझे|
43. अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव और चुनाव-प्रक्रिया – (1) धारा 39 के तहत नाम प्रकाशित होने के 30 दिन के अंदर अध्यक्ष था उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए निदेशक विपणन समिति की पहली बैठक बुलायेंगे|
(2) इस प्रकार की बैठक की अध्यक्षता निदेशक अथवा उनके द्वारा इसके लिए प्राधिकृत कोई व्यक्ति करेगा|
(3) विपणन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते समय पीठासीन अधिकारी के पास अध्यक्ष के रूप में शक्तियां प्राप्त होंगी, लेकिन उसे वोट का अधिकार नहीं होगा|
(4) यदि अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के चुनाव में बराबर मत रहते हैं तो चुनाव का परिणाम “ड्रॉ” द्वारा निकाला जाएगा जोकि बैठक की अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति की उपस्थिति में निर्धारित तरीके से होगा|
(5) अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष के चुनाव की वैधता के संबंध में उठने वाले किसी विवाद की स्थिति में, निदेशक, यदि वह पीठासीन अधिकारी है तो, स्वयं निर्णय करेंगे और अन्य मामले में पीठासीन व्यक्ति विवाद को निर्णय के लिए निदेशक के पास भेजेगा और निदेशक का निर्णय, सरकार को अपील करने के अनुसार, अंतिम होगा और इस प्रकार के निर्णय के संबंध में किसी न्यायालय में कोई मुकदमा नहीं चलाया जायेगा, न ही किसी अन्य प्रकार के कार्यवाही की जाएगी|
(6) यदि उपधारा (1) में उल्लिखित पहली बैठक किसी कारण से उपरोक्त तीस दिन की अवधि में नहीं हो पाती तो निदेशक इसे आयोजित न कर पाने के कारणों को लिखित में सरकार को भेजेंगे और इस बारे में सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे|
44. अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का कार्यकाल - अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद भी वे अपने उत्तराधिकारी के न आने तक अपने पद पर बने रहेंगे|
लेकिन अध्यक्ष या उपाध्यक्ष जैसी भी स्थिति हो, यदि विपणन समिति के सदस्य नहीं रहते हैं तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा|
45. अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का त्यागपत्र – (1) विपणन समिति के अध्यक्ष, निदेशक को लिखित में संबोधित त्यागपत्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और वह इस्तीफा निदेशक द्वारा स्वीकार कर लिए जाने की तारीख से प्रभावी होगा|
(2) विपणन समिति के उपाध्यक्ष, अध्यक्ष को संबोधित लिखित त्यागपत्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और यह इस्तीफा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार कर लिए जाने की तिथि से लागू होगा;
लेकिन अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, जैसी भी स्थिति हो के पद से दिया गया इस्तीफा विपणन समिति की सदस्यता से दिया गया इस्तीफा नहीं माना जाएगा|
46. अध्यक्ष के छुट्टी लिए बिना अनुपस्थित रहने के परिणाम - इस संबंध में निर्मित नियमों के अनुसार यदि निदेशक की अनुमति के बिना विपणन समिति के अध्यक्ष समिति की लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहते हैं तो तीसरी बैठक की आयोजन तारीख को तथा उसके बाद से अध्यक्ष नहीं रहेंगे|
47. अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के कार्यालयों में आकस्मिक रिक्ति - (1) अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष के कार्यकाल में आकस्मिक रिक्ति यथाशीघ्र निम्न प्रकार से भरी जाएगी –
(क) नामांकन द्वारा यदि विपणन समिति का गठन पहली बार हुआ है, और
(ख) अन्य किसी मामले में धारा 43 में दिए गए तरीके से|
(2) इस धारा के तहत रिक्ति भरने के लिए नामित तथा निर्वाचित प्रत्येक अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष उस अवधि तक पद पर रहेंगे जिस अवधि तक यदि रिक्ति न होती तो वे रहते जिनके स्थान पर वे नमित अथवा निर्वाचित हुए हैं|
48. नये अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष को कार्यभार सौंपने से मना करना – (1) अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष जैसी भी स्थिति हों, का नामांकन अथवा चुनाव होते ही कार्यमुक्त होने वाले अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष अपने उत्तराधिकारी को शीघ्र कार्यभार सौंप देंगे|
(2) यदि कार्य मुक्त होने वाले अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष उपधारा (1) के तहत अपना कार्यभार नहीं सोंपते हैं तो निदेशक अथवा इस कार्य के लिए उनके द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य व्यक्ति कार्यमुक्त होने वाले अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष को लिखित आदेश द्वारा विपणन समिति के सभी अभिलेखों, निधियों तथा संपत्तियों, जो समिति के अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष के नाते उनके पास हों, को अपने उत्तराधिकारी को सौंपने के लिए कह सकता है|
(3) यदि कार्यमुक्त होने वाले अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष जिन्हें उपधारा (2) के तहत निर्देश जारी किए गए हैं वह उनका अनुपालन नहीं करता है तो निदेशक अथवा उनके द्वारा इस कार्य के लिए प्राधिकृत किए गए अन्य किसी व्यक्ति के पास वही शक्तियां होंगी जो डिक्री करार करते समय नागरिक-प्रक्रिया संहिता 1908 (1908 का 5) के तहत सिविल न्यायालय को होती हैं|
49. सदस्यों का त्यागपत्र तथा कुछ परिस्थितियों में नामांकन – (1) विपणन समिति का कोई सदस्य अध्यक्ष को लिखित में संबोधित त्यागपत्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे सकता है| वह इस्तीफा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किए जाने की तारीख से प्रभावी होगा|
(2) यदि किसी समय सरकार को ऐसा प्रतीत हो कि किसी अथवा अधिकांश सदस्यों के इस्तीफे के कारण कोई विपणन समिति इस अधिनियम द्वारा अथवा इसके तहत प्रदत कार्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है तो वह इस्तीफे के कारण हुई रिक्तियों के लिए अधिसूचना द्वारा उस श्रेणी के सदस्य को नामित कर सकती है और इस प्रकार नामित किए गए सदस्य विपणन समिति के शेष कार्य तक अपने पद पर रहेंगे|
50. सदस्यों को दुराचरण के कारण हटाया जाना - सरकार विपणन समिति द्वारा पास किए गए संकल्प, जिसे समिति के कम से कम सात सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो, के आधार पर किसी सदस्य को निष्कासित कर सकती है यदि वह अपने कर्त्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने अथवा दुराचरण का दोषी पाया गया हो, उसने दुर्व्यवहार किया हो अथवा वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सक्षम न हो या दिवालिया घोषित कर दिया गया हो;
परंतु इस प्रकार से किसी भी सदस्य को सरकार द्वारा उसे सुनवाई का मौका दिए बिना निष्कासित नहीं किया जाएगा|
51. आकस्मिक रिक्ति - विपणन समिति के अध्यक्ष इस प्रकार की रिक्ति की सूचना शीघ्र निदेशक को देंगे, वह रिक्ति निर्धारित तरीके से सदस्यों की श्रेणी विशेष में से यथाशीघ्र भर ली जाएगी और वह सदस्य विपणन समिति के शेष कार्यकाल तक अपने पद पर बने रहेंगे.
परंतु यदि विपणन समिति का शेष कार्यकाल छह महीने से कम है तो, जब तक सरकार निर्देश न दे, इस प्रकार की रिक्ति को भरना आवश्यक नहीं है|
52. रिक्ति के दौरान सदस्यों का कार्य करना, विपणन समिति के कार्यों का अमान्य न होना - विपणन समिति किसी सदस्य की रिक्ति के होते हुए अथवा उनके गठन में कोई कमी होते हुए भी कार्य कर सकेगी और विपणन समिति की कार्यवाहियां मान्य होगी भले ही उसमें कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने सदस्य न होते अभी बैठक में भाग लिया हो अथवा वोट दिया हो या अन्य किसी प्रकार से समिति की कार्रवाहियों में हिस्सा लिया हो|
53. विपणन समिति की बैठकों की प्रक्रिया - विपणन समिति की बैठक की गणपूर्ति तथा उसके लिए अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया इस उद्देश्य के लिए विपणन समिति द्वारा बनाये गये उपनियमों के अनुसार विनियमित होगी|
54. सदस्यों को भत्तों का भुगतान - विपणन समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों को विपणन समिति-निधि से, निर्धारित मानदेय, बैठक में भाग लेने हेतु शुल्क, यात्रा भत्ते तथा अन्य भत्ते दिए जाएंगे|